कस्तूरी कार्यक्रम में "भावंजलि" ने फूलचंद यादव को सम्मानित किया

महेश ढौंडियाल - दिल्ली


*भावंजलि*
19 अक्टूबर, 2024 को कस्तूरी द्वारा आयोजित "भावंजलि" कार्यक्रम में दिवंगत फूलचंद यादव को उनकी कृति "एक थी चिड़िया" के माध्यम से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कस्तूरी की अध्यक्ष दिव्या जोशी के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने बेटे द्वारा अपने पिता को याद रखने और उनके द्वारा दिए गए मूल्यों को पोषित करने के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद डॉ. महाशीर हुसैन ने फूलचंद की कविता "युवा" का पाठ किया। भाषाविद् कमलेश कमल ने पुस्तक का परिचय दिया और फूलचंद की दृष्टि को रामचरितमानस से जोड़ा।


फूलचंद यादव के बेटे सुभाष यादव ने अपने पिता द्वारा बचपन से दी गई सुंदर शिक्षा और मूल्यों पर विचार करते हुए एक भावपूर्ण भाषण दिया। कल्पना मनोरमा ने शब्द ध्वनियों के महत्व पर चर्चा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि इस कृति की आठ कविताएँ नैतिक मूल्यों को स्थापित करती हैं।

दूसरी वक्ता वंदना यादव ने कविताओं का विश्लेषण करते हुए कहा कि ये सभी उम्र के लिए प्रासंगिक हैं और इनमें दूरदर्शिता है। मुख्य वक्ता प्रो. संध्या वात्स्यायन ने पुस्तक पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने फूलचंद की रचनाओं में भगवान राम के प्रति आस्था को दर्शाया, जो देशभक्ति, प्रकृति के प्रति प्रेम और नैतिक मूल्यों का जश्न मनाती हैं।

वरिष्ठ बाल साहित्य लेखक दिविक रमेश ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और इन कविताओं को सर्वश्रेष्ठ में से एक बताया तथा आज बाल साहित्य में ऐसी रचनाओं की आवश्यकता व्यक्त की, साथ ही फूलचंद की रचनाओं के भविष्य में प्रकाशन की आशा व्यक्त की।

कार्यक्रम का समापन साहित्य विद्वान आदित्य नाथ तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ और इसका संचालन साहित्य और कला विद्वान विशाल पांडे ने किया। यह कार्यक्रम साहित्य अकादमी, रवींद्र भवन, नई दिल्ली में हुआ।

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