ज़फर खान | अकोला | खुदा से प्रेम और इबादत के लिए कोई उम्र नहीं होती. रमजान माह में रोजेदार भी रोजा रख कर खुदा की इबादत कर रहे हैं. इसमें नन्हे रोजेदार भी पीछे नहीं है. गर्मी के इस मौसम में बड़ों के साथ बच्चे और बुजुर्ग भी रोजा रख रहे हैं. वहीं नन्हे रोजेदार भी रोजा रखकर मुल्क में शांति, तरक्की की दुआ मांग रहे हैं. इस दौरान बड़ों के साथ बच्चे भी नमाज व कुरान की तिलावत करते नजर आ रहे हैं.खदान निवासी नजीर खान ठेकेदार इनके दो बेटियां अलीशा परवीन उम्र 7 साल एवं नशरा निसा उम्र 9 साल ने अपने जिंदगी का पहला रोजा रखे.नन्हे रेजेदार ने बताया कि अल्लाह के फरमान को बड़े बुजुर्गों के साथ बच्चे भी मान रहे हैं. कड़ी धूप और गर्मी के बावजूद भूख प्यास सहन करने वाले रोजेदारों को अल्लाह शबद देता है. रोजा रखने की प्रेरणा अम्मी और अब्बू से मिली है. वह रोजा रखकर अपनी पढ़ाई के लिए स्कूल भी जाते है और पांचों वक्त की नमाज पढ़ते है. इस दौरान कुरान की तिलावत भी कर रहा है. नन्हे रोजेदार ने कहा कि इबादत के दौरान वह अल्लाह से मुल्क में अमन, शांति एवं लोगों के बीच खुशहाली की दुआ कर रहा है.
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