Ad 1
Ad 2
Ad 3
Delhi / 2024-10-28 00:00:00

शिक्षक राष्ट्र के पथप्रदर्शक और भावी निर्माता हैं : डॉ शिखा दत्त शर्मा

विजय गौड़ ब्यूरो चीफ

शिक्षक राष्ट्र के पथ प्रदर्शक और भावी निर्माता हैं, जैसा कि कबीर दास ने ठीक ही लिखा है, "गुरु गोविंद दोओ, काके लागूं पांय।" बलिहारी गुरु अपने गोविंद दियो बताएं।। हमारे वर्तमान शिक्षकों के कंधों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है।
 ये वो भावनाएँ हैं जो डॉ. शिखा दत्त शर्मा ने व्यक्त कीं। डॉक्टर शिखा ने आगे बताया कि चूंकि शिक्षा का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है इसलिए यह प्रासंगिक हो जाता है कि एक शिक्षक को विकसित करने की आवश्यकता है।उनकी क्षमता और बाधाओं से लड़ने की ताकत को निखारने के लिए, शिक्षक को समाधान के साथ हमेशा तैयार रहना चाहिए। शिक्षक न केवल अपेक्षित बल्कि कई अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करने के लिए छात्रों के कौशल को तराशते हैं। प्रयास करने और निर्माण करने के इस उत्साह के साथ हम सही ढंग से कह सकते हैं कि शिक्षक राष्ट्र के पथप्रदर्शक और भावी निर्माता हैं।
इसका जिक्र करना जरूरी है  कि डॉ. शिखा दत्त शर्मा के पास भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों/विश्वविद्यालयों में 4 वर्षों से अधिक का शिक्षण और अनुसंधान अनुभव है। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, (कैंपस) मेरठ से (अंग्रेजी साहित्य) में पीएचडी की है। डॉ. शिखा यूजीसी नेट क्वालिफाइड है , वह वर्तमान में स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और केआर मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में आईक्यूएसी समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें अंग्रेजी साहित्य, व्याकरण पाठ, शिक्षण और सलाह, पाठ्यक्रम विकास, सामान्य प्रशासन की समृद्ध समझ है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं/सम्मेलनों में विभिन्न पत्र प्रकाशित किए हैं। वह एक कंटेंट राइटर, कविता और उद्धरण लिखने की शौकीन हैं।

3 Comments

Image

Leave a comment

Advertisement

© Tcs24News. All Rights Reserved.