Ad 1
Ad 2
Ad 3

जेल निरीक्षण एवं साक्षरता शिविर का आयोजन

रहीम शेरानी - झाबुआ

जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्रीमती विधि सक्सेना के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम सिंह मरकाम की अध्यक्षता में एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, लीगल एड डिफेंस काउंसिल अधिवक्ता विश्वास शाह, शिवम वर्मा की उपस्थिति में जिला जेल झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर एवं जेल निरीक्षण का आयोजन किया गया।

शिविर की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम सिंह मरकाम ने अपने संबोधन में कहा की बहुत से बंदियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं रहती है।

बंदियों को रिमाण्ड स्तर पर, विचारण स्तर पर तथा अपीलीय स्तर पर निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।

जेल में लीगल एड क्लीनिक स्थापित है।

जहां पर पैनल अधिवक्ता एवं लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के अधिवक्ता समय-समय पर उपस्थित होकर बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किया जा रहा है।

जहां प्रत्येक बंदी अपने प्रकरण से संबंधित समस्याओं को अवगत करा सकता है।

उन्होंने बंदियों के अधिकार को बताते हुये कहा कि किसी व्यक्ति के पुलिस गिरफ्तारी किये जाने के साथ ही व्यक्ति विधिक अधिकारों के पात्र हो जाते है। किसी व्यक्ति के गिरफ्तारी होने के 24 घंटे के अंदर ही परिजनों को सूचित किया जाना रहता है

न्यायालय में रिमाण्ड प्रस्तुत करने के पूर्व सरकारी अधिवक्ता या निजी अधिवक्ता करना चाहते हैं, का निर्णय ले सकता है।

बंदियों को कौन-कौन व्यक्ति विधिक सेवा के हकदार हैं, के बारे में बताया।

निःशुल्क विधिक सहायता अंतर्गत बंदियों के क्या-क्या अधिकार हैं की भी जानकारी दी गई।

अपराध किस प्रकार किसी व्यक्ति से हो जाते हैं, यह भी बताया।

जेल में परिरूद्ध बंदी जो आवेदन प्रस्तुत नहीं कर पाने तथा जमानत होनें के बावजूद रिहा नहीं हुए हैं, उन बंदियों से विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से आवेदन दाखिल कराये जाने अथवा जेल अधीक्षक के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत कराने के बारे में बताया गया।

निरीक्षण के दौरान महिला एवं पुरूषों के प्रत्येक सेल में जाकर महिला एवं पुरूष बंदियों से उन्हें जेल में मिल रहे सुविधाओं की जानकारी ली गई।

साथ ही बंदियों के जेल में नैतिक कर्तव्य जेल में आपस में मिलजुल कर रहना, साफ-सफाई रखना, जेल प्रशासन का सहयोग करना तथा जेल से रिहा होकर अन्य लोगों को भी अपराध से रोकने में सहयोग करने तथा ऐसा कार्य न करें जिससे कि दोबारा जेल आना पड़े की बात कही गयी एवं जेल से रिहा होने के पश्चात् अपराध से मुक्त होकर समाज की मुख्यधारा से पुनः जुड़ने हेतु प्रेरित किया गया।

शिविर में महिला बंदियों को संबोधित करते हुए मरकाम ने बताया कि आप सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए जिसके लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।

समाज में आज भी अशिक्षा के कारण बहुत पिछड़ापन है जिसको दूर करने के लिए शिक्षा की अत्यधिक जरुरत है। शिविर में बताया गया कि यदि जेल में निरुद्ध किसी महिला बन्दी के पास अधिवक्ता नहीं है तो वह जेल अधीक्षक के जरिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकता है। जिस पर उसे निःशुल्क अधिवक्ता नामित कर दिया जाएगा। मरकाम द्वारा बताया गया कि जेल में निरुद्ध महिला बन्दियों को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो वह जेल में स्थापित लीगल ऐड क्लीनिक में सम्पर्क कर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते है। शिविर में लीगल एड डिफेंस काउंसिल से अधिवक्त शिवम वर्मा एवं विश्वास शाह ने लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के बारे में बंदियों को बताया। उक्त शिविर में जेल अधीक्षक दुष्यंत पगारे एवं जेल स्टॉफ उपस्थित रहें।

3 Comments

Image

Leave a comment

Advertisement

Get In Touch

National Apartment Akot File Akola Maharashtra - 444001

(+91) 94275 90781

info@thecurrentscenario.in

Follow Us
Our Team

English News Paper

Join Our News
Our Partners
Partner 1