Ad 1
Ad 2
Ad 3

यह आयोजन नहीं संकल्प है करोड़ों महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का : श्रीमती विजया राहटकर अध्यक्ष एनसीडब्लू

राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम “Catalysts for Change: Gender Inclusive Governance Program” का शुभारंभ आज दीव में हुआ। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में देश के 20 राज्यों से आए वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारीगण भाग ले रहे हैं। 

कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय महिला आयोग की माननीय अध्यक्षा श्रीमती विजया राहटकर ने किया। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा कि “यह कोई साधारण आयोजन नहीं है, बल्कि एक संकल्प है। आप सभी अधिकारी केवल प्रशासक नहीं, बल्कि करोड़ों महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने वाले वास्तविक परिवर्तनकारी हैं। जब कोई बेटी आधी रात को भी बाहर जा सकेगी, जब किसी कार्यस्थल पर महिला को सम्मान मिलेगा और जब किसी पीड़िता को त्वरित न्याय मिलेगा—तो यह आपकी संवेदनशीलता और सजगता का परिणाम होगा।”
माननीय अध्यक्षा ने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे महिला सशक्तिकरण को केवल “महिलाओं के विकास” तक सीमित न रखें, बल्कि “महिलाओं के नेतृत्व में विकास” की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत तभी संभव है जब यह सुरक्षित और समानता वाला भारत बने।
यह कार्यक्रम इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है कि देशभर में प्रशासन और पुलिस व्यवस्था से जुड़े ये अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं के जीवन को प्रभावित करते हैं। चाहे वह कानून का प्रभावी क्रियान्वयन हो, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हो, या विकास योजनाओं का समावेशी रूप से लाभ पहुँचाना हो—हर स्तर पर इन अधिकारियों की भूमिका निर्णायक है। थिरुवनंतपुरम और गोवा में आयोजित पूर्ववर्ती संस्करणों की तरह, दीव में हो रहा यह तीसरा संस्करण भी महिलाओं के लिए सुरक्षित और समान अवसरों वाला समाज बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

उद्घाटन सत्र के बाद विविध विषयों पर चर्चा और विचार-विमर्श हुआ। राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य सचिव श्री सुदीप जैन ने “लैंगिक समानता और शासन” विषय पर यह स्पष्ट किया कि शासन व्यवस्था में महिला दृष्टिकोण को शामिल करना क्यों आवश्यक है और यह किस प्रकार नीति-निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। डॉ. पी. एम. नायर, सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, ने संकट प्रबंधन और बहु-एजेंसी समन्वय पर सत्र लिया, जिसमें अधिकारियों को आपात परिस्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया और समन्वय के महत्व पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इसके बाद “बीइंग ए कैटलिस्ट ऑफ चेंज” विषय पर रायपुर के जिलाधिकारी श्री गौरव कुमार ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता और नवाचार अपनाकर कैसे वास्तविक परिवर्तन संभव है। साथ ही, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने इस पर चर्चा की कि ए.आई. का प्रयोग प्रशासनिक दक्षता, महिला सुरक्षा और शिकायत निवारण तंत्र को सशक्त बनाने में किस प्रकार सहायक हो सकता है। दिनभर चले संवाद और सत्रों में अधिकारियों ने यह भी साझा किया कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रशासनिक इच्छाशक्ति और संवेदनशील क्रियान्वयन ही सबसे प्रभावी साधन है।
पहले दिन के समापन पर अधिकारियों के लिए एक विशेष अनुभव यात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने दीव के शैक्षिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण किया। इस यात्रा में शिक्षा केंद्र का अवलोकन किया गया, जहाँ शिक्षा के क्षेत्र में नवीन पहलों और मॉडलों की जानकारी साझा की गई। इसके बाद उन्होंने दीव किला और आईएनएस खुकरी पोत का भ्रमण कर ऐतिहासिक और समुद्री सुरक्षा संरचनाओं का अनुभव प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, गणेश्वर महादेव मंदिर का दौरा कर स्थानीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का अवलोकन किया गया। यात्रा का समापन आईएनएस खुकरी स्मारक पर हुआ, जहाँ अधिकारियों ने शौर्य और बलिदान की स्मृति को नमन किया और स्मारक स्थल पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अनुभव यात्रा ने अधिकारियों को क्षेत्र की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संवेदनशीलता से परिचित कराते हुए कार्यक्रम को और अधिक सार्थक बनाया।
कार्यक्रम का पहला दिन अधिकारियों के लिए एक सीखने, विचार-विमर्श और संकल्प का मंच सिद्ध हुआ। कार्यक्रम अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें विभिन्न कार्यशालाओं और सत्रों के माध्यम से अधिकारियों को जमीनी स्तर पर परिवर्तनकारी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा, पीड़ितों के लिए मुआवजा और पुनर्वास, संकट प्रबंधन एवं बहु-एजेंसी समन्वय, साथ ही POSH अधिनियम, 2013 और घरेलू हिंसा अधिनियम जैसे कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन ज्ञानवर्धक सत्रों का नेतृत्व प्रतिष्ठित वक्ता करेंगे, जिनमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ सिविल सेवक, आईपीएस अधिकारी और नीति विशेषज्ञ शामिल हैं। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ, समूह प्रस्तुतियाँ और कार्यान्वयन योजनाओं का निर्माण भी शामिल है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 14 सितंबर को दीव में होगा

Advertisement

Advertisement Image

Leave a comment

Advertisement

Get In Touch

National Apartment Akot File Akola Maharashtra - 444001

(+91) 94275 90781

info@thecurrentscenario.in

Follow Us
Our Team

English News Paper

Join Our News
Our Partners
Partner 1