Ad 1
Ad 2
Ad 3

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग की अहम भूमिका : मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल कुलपति

Vijay Gaur Bureau Chief - Delhi

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग (तथागत बुद्ध शोधपीठ) के द्वारा प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और बौद्ध शिक्षा को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन पालि-आधारित पाठ्यक्रम उद्घाटन किया गया। उद्घाटन-कार्यक्रम की शुरुआत प्रज्ञा और करुणा के प्रतीक भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

 इस अवसर पर डॉ. मुकेश मेहता, सहायक आचार्य, सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग (तथागत बुद्ध शोधपीठ) के द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया।

तीन नए शुरू किए गए पाठ्यक्रम हैं- एम.ए. इन पालि (2025-2026): एक व्यापक स्नातकोत्तर कार्यक्रम , छह-मासिक पाली भाषा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम: पाली का मूलभूत ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से , छह-मासिक विपस्सना ध्यान प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम: व्यक्तिगत विकास और माइंडफुलनेस पर केंद्रित।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अनिर्बान  गांगुली के द्वारा बीज वक्तव्य दिया गया, जिसमें उन्होंने पाली भाषा की ऐतिहासिक और आधुनिक प्रासंगिकता पर जोर दिया और बताया कि कैसे पाली साहित्य, विज्ञान और चिकित्सा-अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए अमूल्य ज्ञान प्रदान करता है।


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मतरुण चुग ने एक विचारोत्तेजक भाषण दिया, जो श्रोताओं के दिलों में गहराई से उतर गया। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और वैश्विक शिक्षक (विश्व गुरु) के रूप में इसकी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में बुद्ध की कालातीत शिक्षाओं का प्रसार करने में सहायक रहा है। 

बुद्ध त्रिरत्न मिशन के महासचिव पूजनीय भिक्षु डॉ. कचायन श्रमण ने शिक्षा और आत्म-विकास में पालि भाषा और विपस्सना ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। साथ ही उन्होंने आधुनिक चुनौतियों का समाधान करने में इनकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

विश्वविद्यालय के  कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल ने  अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में दूरदर्शी कदमों के लिए सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग की अहम भूमिका है।
उन्होंने पालि भाषा की प्राचीनता और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग के सलाहकार डॉ. हीरो हितो ने सम्मानित अतिथियों, प्रतिभागियों और दर्शकों को उनकी उपस्थिति और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

यूनिवर्सिटीके जन सम्पर्क अधिकारी अनाम शेरवानी ने ब्यूरो चीफ विजय गौड़ को बताया कि कार्यक्रम में लगभग 500 उपस्थित लोगों ने अपनी सहभागिता प्रदान की, जिनमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र, शोधकर्ता और अध्यापक-आचार्य शामिल थे। बर्मा, म्यांमार, कंबोडिया और ताइवान जैसे देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में वैश्विक आयाम जोड़ा।

3 Comments

Image

Leave a comment

Advertisement

Get In Touch

National Apartment Akot File Akola Maharashtra - 444001

(+91) 94275 90781

info@thecurrentscenario.in

Follow Us
Our Team

English News Paper

Join Our News
Our Partners
Partner 1