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बदलते परिदृश्य में कई खड़े नये सवाल के हल निकालने चाहिए : प्रोफेसर स्वाति पाल कॉलेज प्राचार्य

Bureau Chief Vijay Gaur - New Delhi

आईसीसी और आईक्यूएसी , जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के तत्वाधान में यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम ( पोश ) विषय से संबंधित वार्ता का   हुआ सफल आयोजन  । एक सत्र पीठासीन अधिकारी प्रो सुधा उपाध्याय के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।


( विजय गौड़ ब्यूरो चीफ ) यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम ( पोश ) की आंतरिक शिकायत समिति आईसीसी और आईक्यूएसी , जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम ( पोश ) विषय से संबंधित वार्ता का आयोजन किया गया। इस वार्ता में मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री जी उपस्थित रही। प्रो पायल नागपाल ( आई क्यू ए सी , समन्वयक ) ने लघु पादप देकर पधारे अतिथि गण का सत्कार किया। कार्यक्रम  का शुभारम्भ प्रो पायल नागपाल  के निर्देशन और सानिध्य के साथ किया गया।  


मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता  रेखा अग्रवाल  अधिवक्ता सप्रीम कोर्ट ने अपना उद्बोधन प्रारंभ किया। सर्वप्रथम उन्होंने 1997 में घटित। भँवरी देवी के मुद्दे को उठाते हुए पितृसत्तामक समाज की सचाई को व्याख्यायित किया। उनके साथ हुए यौन उत्पीड़न और उसके बाद समाज उनके प्रति बर्ताव इत्यादि समस्याओं की चर्चा की। उन्होंने विशाखा संस्था के मूल उद्देश्य को बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशाखा सनास्था द्वारा दर्ज की गई जनहित याचिका का उल्लेख  किया। इस याचिका में महिला के सुरक्षा नियमों और भवरी देवी के मुद्दे को उठाया गया। वक्ता ने आगे अपने वक्तव्य में विशाखा गाइडलाइन्स की चर्चा की। उन्होंने यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम की सम्पूर्ण भूमिका को बताया। उन्होंने महिलाओं के सा
थ होते भेदभाव में ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की चर्चा करते हुए अनुछेद 15/4 में वर्णित कथन की महिलाओं और बच्चों के विकास में सकारात्मक भेदभाव को अनुमति दी गई है। तत्पश्यात उन्होंने यौन उत्पीड़न के विषय और कार्यस्थल पर आणि वाली चुनौतियों की चर्चा रही। उन्होंने राम राज्य के यूटोपिया और भगवान् राम के मर्यदापुर्षोत्तम रूप का वर्णन किया। उन्होंने सिनेमा जगत में प्रयोग होने वाले अश्लील कथावस्तु पर भी बात की।

 आज का पूरा सत्र संवादात्मक रूप में रहा। शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों में विषय के प्रति उत्सुकता देखी गई। उन्होंने आई हुई वक्ता से विषय से संबंधित अपनी जिज्ञासा को प्रश्नों के माध्यम से व्यक्त किया।

  कॉलेज  प्राचार्य प्रोफेसर स्वाति पाल ने भी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि समय और समाज परिवेश को ध्यान में रखते हुये बदलते परिदृश्य में कई नये सवाल खड़े हुये हैं जिनका हल निकाला जाना चाहिए। यह सत्र पीठासीन अधिकारी प्रोफेसर सुधा उपाध्याय के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

 प्रोफेसर पायल नागपाल और प्रोफेसर सुधा उपाध्याय ने पूरे सदन का आईसीसी और आईक्यूएसी तथा टीचिंग नॉन टीचिंग साथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर स्वाति पाल के कुशल नेतृत्व और उनके वक्तव्य का समर्थन करते हुए कहा  कि ऐसे सत्र जो जवाबों को लाजवाब कर दें सवालों को उठाने और जगाने का काम होते रहने चाहिए।

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