Ad 1
Ad 2
Ad 3

हमें सबसे प्रामाणिक समानता, महिला-पुरुष आधारित समानता लाने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए : महामहिम उपराष्ट्रपति

Vijay Gaur Bureau Chief - Delhi

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के  33वां स्थापना दिवस अवसर पर  सुदेश धनखड़ , राज्य मंत्री (महिला एवं बाल विकास) )   सावित्री ठाकुर ,  अनिल मालिक सचिव  (महिला एवं बाल विकास) ) आयोग सदस्या ममता कुमारी एवं डॉ अर्चना मजूमदार , मीनाक्षी लेखी सदस्य सचिव  की गरिमामय उपस्थिति रही  ।  

 राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का  33वां स्थापना दिवस का भव्य आयोजन  विज्ञान भवन, नई दिल्ली में संपन्न हुआ । इस वर्ष का  थीम  पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रेरणादायक परंपरा पर केन्द्रित है  ।

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, राष्ट्रीय महिला आयोग की  अध्यक्ष  विजया रहाटकर ने  भारत की प्रगति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए विस्तृत्व  प्रकाश डाला गया कि कैसे पिछले दशक में महिला सशक्तिकरण, समर्थन में एनसीडब्ल्यू की भूमिका को और विस्तारित करना महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के कार्य में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है  उन्होंने आयोग की पुष्टि की लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और महिलाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया  ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत के महामहिम  उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने  विकसित भारत को आकार देने में महिलाओं की भूमिका पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की । अपने सम्बोधन के दौरान महामहिम  उपराष्ट्रपति ने  कहा कि श्रीमती. विजया राहतकर 24/7 मिशन मोड में हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया  कि आयोग उनके कार्यकाल में गौरवशाली दिन देखेगा।  उन्होंने कहा कि महिलाएं हर सीमा को पार कर रही हैं और वे रक्षा बलों में युद्धक पदों पर हैं। चारों ओर एक ऐसा इकोसिस्टम है, जो उनके लिए सकारात्मक है। महिलाओं ने विकास का परीक्षण किया है, इस देश की महिलाएं इस समय सबसे अधिक आकांक्षी हैं और जब कोई वर्ग सबसे अधिक आकांक्षी होता है, तो चुनौतियां बहुत बड़ी होती हैं, क्योंकि ऊर्जा को विनियमित करना पड़ता है। मुझे कोई संदेह नहीं है, आधी मानवता के योगदान के बिना, न तो पृथ्वी खुश रह सकती है और न ही राष्ट्र समृद्ध हो सकता है।सुखद पहलू यह है कि भारत, जहां मानवता का छठा हिस्सा रहता है, वहां की माताओं, बहनों का स्नेहपूर्ण ध्यान मिल रहा है, वे बहुत बड़ा योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग को अपनी ताकत का एहसास होना चाहिए। मेरा दृढ़ विश्वास है कि ताकत कभी भी शक्ति के प्रयोग में नहीं होती। ताकत सीमाओं के एहसास में होती है, आपकी सीमाएं आपकी शक्ति को निर्धारित करती हैं। उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि  वह एक नया चलन शुरू करे, चलन है सूचना का प्रसार और रचनात्मक अनुनय, सनसनी पैदा करना या सुर्खियों में आने के लिए दबावपूर्ण तंत्र का उपयोग करना अंतिम प्राथमिकता होनी चाहिए, ऐसा तभी करना चाहिए यदि उसे बिल्कुल भी टाला नहीं जा सकता है। हमने देखा है कि किए जा रहे बेहतरीन कामों में सनसनी पैदा करने और सुर्खियों में आने के लिए अलग-अलग उदाहरणों द्वारा प्रलोभन दिया जाता है। मौन रहकर काम करने, चुपचाप काम करने, भूमिगत काम करने की संस्कृति होनी चाहिए। मैं मीडिया से आग्रह करूंगा कि वह बेहद संवेदनशील हो। एक मीडियाकर्मी के लिए डेस्क पर बैठकर सनसनी पैदा करना, किसी घटना के छोटे-छोटे विवरणों, सूक्ष्म विवरणों में जाना, समग्र व्यवस्था को नजरअंदाज करना बहुत आसान है, जो बेहद सुखद है। इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि इसे जल्द ही अपनाया जाएगा। इस प्रभुत्व को समाप्त करना होगा, यह प्रभुत्व महिलाओं के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से निराशाजनक है क्योंकि जब योग्यता और प्रतिभा की बात आती है, तो वे किसी से कम नहीं हैं। इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि हम व्यापार, उद्योग, वाणिज्य, व्यवसाय, राजनीति, शिक्षा और इस तरह के अन्य क्षेत्रों में ऐसी व्यवस्था बनाएं कि वित्तीय लाभ में महिलाओं को समान दर्जा मिले। दुर्भाग्य से, यह चलन नहीं है। आयोग को इस मुद्दे से निपटना होगा, क्योंकि ये समस्याएं हैं। आज हम सोचते हैं कि एक महिला नौकरशाह, एक महिला वैज्ञानिक, एक महिला उद्यमी, एक महिला शिक्षाविद, एक महिला कुलपति हैं। लेकिन उनकी चुनौतियां उनके नियमों से अलग हैं। हमें सबसे प्रामाणिक समानता, महिला-पुरुष आधारित समानता लाने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए।

समारोह के एक भाग के रूप में, एक विशेष सत्र जीवन और सीख पर माता अहिल्याबाई होल्कर के पुण्यश्लोक का आयोजन किया गया। प्रख्यात पैनलिस्ट अपनी उल्लेखनीय यात्रा, ड्राइंग पाठों में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की उनके नेतृत्व, लचीलेपन और जन कल्याण के प्रति समर्पण से। चर्चा ने महिलाओं को अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए  निडर होकर, व्यक्तिगत चुनौतियों से अविचलित होकर एक प्रेरणा के रूप में कार्य किया। इस अवसर पर .(श्रीमती) सुदेश धनखड़ , राज्य मंत्री (महिला एवं बाल विकास) )   सावित्री ठाकुर ,  अनिल मालिक सचिव  (महिला एवं बाल विकास) ) आयोग सदस्या ममता कुमारी एवं डॉ अर्चना मजूमदार एवं मीनाक्षी लेखी सदस्य सचिव  की गरिमामय उपस्थिति रही  ।

3 Comments

Image

Leave a comment

Advertisement

Get In Touch

National Apartment Akot File Akola Maharashtra - 444001

(+91) 94275 90781

info@thecurrentscenario.in

Follow Us
Our Team

English News Paper

Join Our News
Our Partners
Partner 1