फोटो में एक जगह बैनर पर 24 अक्टूबर की स्पर्धा की तिथि है जबकि समापन की जानकारी नहीं।

Mahesh Dhoundiyal - Delhi

पहले बोलकर बच्चों कि किट बदलवाई  फिर इवेंट को कर दिया रद्द। यह है दिल्ली सरकार की खेल ब्रांच का कारनामा। 
नई दिल्ली 8 नवंबर ( विजय कुमार ) दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम स्थित खेल ब्रांच द्वारा इन दिनों दिल्ली स्कूल गेम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत स्विमिंग की स्पर्धा एस पी एम स्टेडियम  तालकटोरा पर हो रहा है यह प्रतियोगिता कब तक चलेगी इनकी इसकी जानकारी आयोजकों ने वहां आने बच्चो को बताना तक उचित नहीं समझा। यह तो छोड़िए वहां पर खेल ब्रांच के अधिकारी अपने मन मुताबिक नियमों पर स्पर्धा आयोजित कर रहे हैं। 
बीते दिन शुक्रवार को इन अधिकारियों ने खिलाड़ियों की चार गुना 100 मी रिले लड़के लड़कियों की यह कहते हुए रद्द कर दी की इसमें आठ टीम में नहीं है। जबकि एक दिन पूर्व  चार टीमों के बीच रिले स्पर्धा का आयोजन किया गया था।  दूसरा कुछ ऐसे भी इवेंट थे जिसमें 5 से 6 स्विमर ही  थे लेकिन उसकी भी स्पर्धा को आयोजित किया गया।  शायद यह नियम अपनों के लिए लागू नहीं होता। शेड्यूल के अनुसार लड़के और लड़कियां रिले में पार्टिसिपेशन करने के लिए अपनी किट चेंज कर पूल पर भी आ गए और अनाउंसमेंट भी की गई थी उसके बावजूद यह इवेंट आयोजकों  ने 8 टीम वाला नियम का हवाला देकर कराया ही नहीं। 

इसकी सूचना जैसे ही खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों को लगी तो वह जानकारी के लिए आवेदन स्थल पर अधिकारियों को ढूंढते हुए जानकारी लेकर लेने का प्रयास करते दिखाई दिए। मगर उन्हें यह कहकर  वापस भेज दिया कि सभी अधिकारी चले गए हैं एक खिलाड़ी की माता ने बताया कि मुझे बताया गया कि इसकी जानकारी कोई अधिकारी डबास और मलिक जी देंगे। लेकिन जब उक्त दोनों ही लोगों को मिलने का प्रयास किया तो पता चला कि वह तो जा चुके हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को मजबूरन हो हल्ला कर  घर की तरफ रुखसत होना पड़ा। नाम न छापने के शर्त पर अभिभावकों ने बताया की एक दिन पहले नियम कुछ और होते हैं और दूसरे दिन कुछ नियम और होते हैं इससे साफ पता चलता है कि आयोजक अपने चहेते खिलाड़ियों को नंबर वन बनाने के लिए सब कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना था कि अगर उनके बच्चे इस रिले स्पर्धा में पहले तीन स्थानों पर आते तो उन्हें दिल्ली सरकार की छात्रवृत्ति मिलती एवं कॉलेज में दाखिला मिलना भी आसान हो जाता लेकिन अधिकारियों ने उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में डालने का काम किया है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। दूसरा नियम एकाएक कैसे बदले इन इसकी जानकारी देने वाला भी वहां कोई मौजूद नहीं था जो मौजूद थे वह केवल रेफरी । यही नहीं एक बड़े बैनर के नीचे टैबलेट तो दो लगी थी लेकिन वहां कुर्सी भी नहीं थी जिसे पुरस्कार भी वहां पर नहीं दिए गए। ऐसे में यह आयोजन केवल खानापूर्ति ही कहां जाएगा। इस बाबत कोई भी अधिकारी फोन पर या वैसे बोलने को तैयार नहीं था । पहले दिन भी प्रतियोगिता 2 घंटे लेट शुरू की थी।  अभिभावकों का कहना था कि आयोजन करता बच्चों और उनके परिवार वालों से भी बेहद बेरुखी से साथ बात कर रहे थे। जबकि दिल्ली की मुख्यमंत्री दिल्ली को खेलों का हब बनाने की बात करती है ऐसे तो बनने से रहा।

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