बिना लाइसेंस चल रही चार आरा मशीनों पर एसडीएम की कार्रवाई
गुलशन परूथी/मनीष माहोर
- मशीन का उपयोग अवैध कटाई और संरक्षण के लिए किया जा रहा था।
- वन विभाग गहरी नींद में है।
भिंड - लहार अनुविभागीय दंडाधिकारी विजय सिंह यादव ने आज मचांड क्षेत्र में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित चार आरा मशीनों पर कार्रवाई की और सभी मशीनों को सील कर दिया।
एसडीएम लहार दोपहर 12 बजे मचांड क्षेत्र पहुंचे जहां उन्हें पहले से ही शिकायत मिल रही थी कि यहां बड़ी संख्या में अवैध आरा मशीनें संचालित की जा रही हैं। किसी भी संचालक के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले। फिर ये मशीनें कैसे संचालित हो रही हैं? आखिर सवाल यह उठता है। रोजाना हजारों क्विंटल लकड़ी अवैध रूप से काटकर यहां लाई जाती है और इन आरा मशीनों पर संरक्षण के तहत उसका निपटान किया जाता है। चारों आरा मशीनों पर हरे पेड़ों के बड़े-बड़े तने कटे हुए पाए गए। वन विभाग ने बताया कि चारों आरा मशीनों से करीब 40 घन मीटर लकड़ी बरामद की गई, जिसकी बाजार कीमत करीब 02 लाख रुपए होगी। आरा मशीनों को सील करने के बाद एसडीएम लहार ने संबंधित वन रेंजर को 24 घंटे के भीतर शेष कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए।
लकड़ी कटाई अधिनियम 1984 में अवैध संचालन का कोई प्रावधान नहीं है। क्या वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है?
वनों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लकड़ी कटाई अधिनियम 1984 बनाया है, जिसके तहत लकड़ी काटने के लिए बिना लाइसेंस के आरा मिल या आरा खड्डा लगाना धारा 4 (क) के तहत कानूनी अपराध है। आखिर किसके संरक्षण में यह पर्यावरण को नष्ट करने वाला अवैध कारोबार चल रहा है और उपरोक्त कार्रवाई के लिए सक्षम वन विभाग कब तक कुंभकरणी नींद में सोता रहेगा? इस कार्रवाई में तहसीलदार मिहोना श्रीनिवास शर्मा, डिप्टी रेंजर संतोष तिवारी, वनरक्षक धर्मेंद्र यादव, उमेश बघेल व विजय गर्ग, मचांड चौकी प्रभारी रविंद्र सिंह तोमर, पटवारी ओम हरि तिवारी व कृष्णकांत गुप्ता मौजूद रहे।