आई.एन.ए. दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन
महेश ढौंडियाल - दिल्ली।
- आई.एन.ए. दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी और केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने किया।
- त्योहारी सीजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
- यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों की खादी संस्थाओं और ग्रामोद्योगों के 157 स्टॉल लगाए जाएंगे।
- 'खादी महोत्सव' के तहत भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
- केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने दिल्ली के लोगों से प्रदर्शनी देखने और खादी उत्पाद खरीदने की अपील की।
- केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा, "पीएम मोदी के ब्रांडिंग प्रयासों की बदौलत खादी उत्पादों की बिक्री में उछाल आया है। गांधी जयंती पर दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन में एक ही दिन में दो करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई, जो इसका प्रमाण है।"
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर, 2024: भारत सरकार के एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार की उपस्थिति में आईएनए दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को बढ़ावा देने और खादी कारीगरों की आय बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी 'खादी महोत्सव' के हिस्से के रूप में त्योहारी सीजन के दौरान यह प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। केवीआईसी के नई दिल्ली स्थित राज्य कार्यालय द्वारा आयोजित विशेष खादी प्रदर्शनी 31 अक्टूबर तक चलेगी।
प्रदर्शनी में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, बंगाल, हरियाणा और जम्मू सहित विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली 55 खादी संस्थाओं और 102 ग्रामोद्योग इकाइयों के 157 स्टॉल शामिल हैं। खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई है, जिसमें साड़ियाँ, रेडीमेड वस्त्र, हस्तशिल्प, हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पाद, चमड़े के सामान, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद, अचार, मसाले, साबुन, शैंपू, शहद आदि शामिल हैं, जो सभी अलग-अलग स्टॉल पर खरीदने के लिए उपलब्ध हैं। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कारीगर और शिल्पकार अपनी विविध खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद श्रृंखला का लाइव प्रदर्शन भी करेंगे।
उद्घाटन समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि, एमएसएमई के केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने सभी नागरिकों से खादी और स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक खरीदने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने दिल्लीवासियों से विशेष अनुरोध किया कि वे त्यौहारी खरीदारी के लिए खादी प्रदर्शनी में अवश्य आएं तथा स्वदेशी खादी उत्पाद खरीदें, जिससे प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को समर्थन मिले। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शनी का व्यापक उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों तथा पारंपरिक शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना, उन्हें सशक्त बनाना तथा स्वदेशी शिल्प कौशल की भारत की जीवंत विरासत को संरक्षित करना है। इस प्रदर्शनी ने देश के कारीगरों को अपनी कला के प्रदर्शन के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है।
मीडिया से बात करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा, "महात्मा गांधी के दूरदर्शी दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए और "नए भारत के लिए नई खादी" के समर्थक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने पिछले वित्तीय वर्ष में 1.55 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया, जिसका सीधा लाभ देशभर के खादी कारीगरों को मिला। हाल ही में गांधी जयंती, 2 अक्टूबर को चरखा चलाने वालों के वेतन में 25% और करघे पर काम करने वाले बुनकरों के वेतन में 7% की वृद्धि की गई, जो इसका प्रमाण है। केवीआईसी के अध्यक्ष ने आगे कहा कि अपने लोकप्रिय कार्यक्रम 'मन की बात' में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से 'मेड इन इंडिया' उत्पाद खरीदने का आग्रह किया था और इस अपील के तुरंत बाद गांधी जयंती पर दिल्लीवासियों ने नई दिल्ली स्थित 'खादी ग्रामोद्योग भवन' में एक ही दिन में 2 करोड़ 1 लाख 37 हजार रुपये के खादी उत्पाद खरीदकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। दिल्ली। यह उपलब्धि 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' पहल के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रदर्शनी में भारत की समृद्ध पारंपरिक कला और शिल्प कौशल तथा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लाइव प्रदर्शन भी किया जाएगा। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जो ग्रामीण कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर और उन्हें अपने शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करके भारत की स्वदेशी शिल्प कौशल को संरक्षित करने में योगदान देता है।
कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्रालय और केवीआईसी के सभी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हुए।
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