जनसुनवाई में आए आवेदन का निराकरण करते हुए भूमि पर कब्जा दिलाया गया।

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी – झाबुआ

कलेक्टर नेहा मीना द्वारा 02 जुलाई 2024 को ग्रामीणों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए रामा में विशेष जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार तहसीलदार रामा द्वारा जनसुनवाई में आए प्रकरणों का निराकरण किया गया। आवेदक मेतान पिता पिदीया निवासी मुण्डत द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए आवेदन दिया गया था जिसका निराकरण ग्राम मुण्डत में स्थित भूमि सर्वे नंबर 947 रकबा 0.250 हेक्टे लगान 0.43 पैसे की भूमि मेतान पिता पिदीया के नाम से दर्ज होकर मौके पर आवेदक एवं अनावेदकगण अमरू पिता धुलिया डामोर, जोगडिया पिता धुलिया डामोर, रमेश पिता बालु, बीजिया तेजा, जैमाल पिता पेमा की उपस्थिति में आवेदक एवं आपसी सहमति अनुसार टेक्टर चलाकर 03 जुलाई 24 को कब्जा सौंप दिया गया है। आवेदिका कालीबाई पति खेमचंद निवासी बोचका द्वारा उसकी भूमि से विपक्षी का कब्जा हटाये जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसका निराकरण ग्राम बोचका में स्थित भूमि सर्वे नंबर 218/1 एवं 218/3 कुल रकबा 0.370 हेक्टे भूमि का प्रथम व्यवहार न्यायाधीश खण्ड झाबुआ के प्रकरण क्र/94ए/2022 आदेश 28 मई 24 के अनुसार मौके पर आवेदक 03 जुलाई 2024 के द्वारा सोयाबीन की फसल बोकर कब्जा कर लिया है एवं ग्राम बोचका में स्थित भूमि सर्वे नंबर 715 रकबा 1.34 हेक्टे कालीबाई पति खेमचंद के नाम से दर्ज है।

आवेदक द्वारा उक्त सर्वे नंबर में से रकबा 0.67 हेक्टे भूमि पर सोयाबीन, मूंगफली बोकर खेती कर रहा है तथा शेष रकबा 0.67 हेक्टे पर अनावेदकगण बाबु रूपसिंह पिता गुलिया, बदिया पिता झीतरा, पारसिंग पिता अप्पा के द्वारा सोयाबीन बोया गया है। आवेदक/अनावेदकगण को 04 जुलाई 24 को आपसी समझौते के अनुसार वर्तमान फसल लेने के पश्चात कब्जा सौंपने की सहमति दी गई है। आवेदक बच्चूसिंह पिता नाहरसिंह निवासी ग्राम धमोई द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध कार्यवाही करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसका निराकरण ग्राम धमोई स्थित भूमि सर्वे नं. 783, 785, 787, 788, 790, 784 कुल रकबा 2.00 हे। भूमि वर्तमान में रामसिंह, पीरू, रूपसिंह, रमेश, भंवरसिंह पिता झीतरा, मेना बैवा झीतरा बिलवाल जाति भील के नाम दर्ज है। उक्त भूमियों पर पिछले 40-50 वर्षों से आवेदक द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा था लेकिन इस वर्ष अनावेदक द्वारा मक्का, सोयाबीन की फसल बोकर कृषि कार्य किया जा रहा है। अनावेदकगण द्वारा बताया गया, कि उक्त भूमियां हमारी निजी कृषि भूमि होने के कारण हमने सभी खेतों में फसल बोकर कृषि कर रहे है। आवेदक अमरू पिता बुचा निवासी टिचकिया द्वारा बेदखली प्रकरण का पालन कराये जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था जिसका निराकरण ग्राम टिचकिया में स्थित भूमि सर्वे नंबर 107/2 रकबा 0.040 हेक्टे भूमि का रा.प्र. क्र /0001/अ-70/2021-22 आदेश 06 दिसम्बर 2021 व राजस्व अपील क्र/31/अपील/2021-22 आदेश 08 अगस्त 22 के पालन में पूर्व में कब्जा दिया जा चुका था। पुनः कब्जा करने पर 08 मई 23 को पुनः कब्जा सौंपा गया। वर्तमान में उक्त भूमि के संबंध में आवेदक/अनावेदक द्वारा माननीय सिविल न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होना बताया गया है।

आवेदक विजेसिंह पिता पिदिया मेड़ा निवासी ग्राम छापरी रणवास द्वारा कृषि भूमि पर जबरन कब्जा करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसका निराकरण ग्राम छापरी रणवास स्थित भूमि सर्वे नं. 299,501,502 कुल रकबा 1.310 हे० भूमि शासकीय होकर मध्यप्रदेश शासन दर्ज है। उभय पक्ष के मध्य उक्त शासकीय भूमियों का विवाद है। उभयपक्षों को आवेदित शासकीय भूमियों पर बोई फसल को हटाकर रिक्त किये जाने हेतु हिदायत दी गई है तथा विवाद नहीं करने की समझाईश दी गई है। शासकीय भूमि होने से आवेदक को शासकीय भूमि का कब्जा दिलाये जाना सम्भव नहीं है। आवेदक कालिया पिता खुनजी निवासी खरडूछोटी द्वारा बताया गया था कि शामलाती खाते की भूमि का हिस्सा नहीं देने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था जिसका निराकरण ग्राम खरडू छोटी स्थित भूमि सर्वे नं. 173 रकबा 0.60 हे० भूमि कालिया, चेनसिंह, मिठू, खेलजी, वालसिंह पिता रकनजी बामनिया के नाम सहखातेदार के रूप में दर्ज अभिलेख है। मौके पर बटवारा अनुसार अपने-अपने हिस्से की भूमि पर काबिज होकर कृषि कार्य करते है। मौके पर अनावेदक खेलजी द्वारा अपने हिस्से में आयी भूमि पर मकान का निर्माण किया जा रहा है। आवेदक मंगू पुत्र मानसिंह भूरिया निवासी भैंसाकराई ने बताया कि उसने शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 12/15/2015 पर अनावेदकों द्वारा कब्जा करने योग्य कृषि भूमि पर बलपूर्वक कब्जा करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसका निराकरण कार्यवाही कर किया गया। ग्राम भैंसाकराई में स्थित 15,16,17,18 क्षेत्रफल क्रमशः 2.920 हेक्टेयर, 0.42 हेक्टेयर, 1.320 हेक्टेयर एवं 5.060 हेक्टेयर है, जो मध्य प्रदेश शासन के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। आवेदक मंगू, पुत्र मानसिंह बोकर ने भूमि सर्वे क्रमांक 10 पर अतिक्रमण कर लिया है। 15 एवं 17 तथा अनावेदक दुला, गुला पुत्र हवसिंह ने भूमि सर्वे क्रमांक 15 पर अतिक्रमण कर लिया है। 16 और 18. अनावेदक द्वारा अतिक्रमित भूमि को छिनकर आवेदक कब्जा करना चाहता है। उक्त भूमि पर आवेदक द्वारा पूर्व में कभी अतिक्रमण नहीं किया है। अनावेदकगण से अतिक्रमित रकबा को हटाकर आवेदक को अतिक्रमण कराना सम्भव नहीं है। उभयपक्षों को आवेदित शासकीय भूमियों पर बोई फसल को हटाकर रिक्त किये जाने हेतु हिदायत दी गई है, तथा विवाद नहीं करने की समझाईश दी गई है। आवेदक ग्राम छापरी कालीदेवी के कामेश ने बताया कि उन्होंने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आवेदन दिया था, जिसका निराकरण ग्राम छापरी (कालीदेवी) स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 28 रकबा 1.61 हेक्टेयर हकरू पिता पेमा के नाम पर किया गया है। सह भू-स्वामी, जिस पर माध्यमिक विद्यालय भवन चहारदीवारी सहित निर्मित है। साथ ही माता का देवस्थान भी उसी नंबर पर रजिस्टर्ड है। शेष भूमि रिक्त पड़ी है। आवेदित भूमि शासकीय नहीं होकर निजी है। आवेदक अनसिंह पिता खीमा निवासी गोलाबडी द्वारा बताया कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था जिसका निराकरण ग्राम गोलाबडी स्थित भूमि सर्वे नं. 56 रकबा 0.380 हे0 मध्यप्रदेश शासन के नाम से दर्ज है, जिस पर अनावेदक फसल बोकर अतिक्रमण किया है।

आवेदक द्वारा उक्त सर्वे नं. पर पूर्व में कभी अतिक्रमण नहीं किया है। अनावेदक से उक्त सर्वे नम्बर का अतिक्रमण हटवाकर अतिक्रमण करवाया जाना सम्भव नहीं है। उभयपक्षों को आवेदित शासकीय भूमियों पर बोई फसल को हटाकर रिक्त किये जाने हेतु हिदायत दी गई है तथा विवाद नहीं करने की समझाईश दी गई है। आवेदिका हुकमा पिता मानसिंह भाभोर ग्राम रातीमाली द्वारा बताया गया कि पैतृक भूमि व दादा की भूमि का हिस्सा नहीं देने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसका निराकरण ग्राम रातीमाली में स्थित भूमि सर्वे नंबर 172, 173/1/5/1/1, 174, 203/1, 206, 275, 278/1 कुल रकबा 5.2579 हेक्टे की भूमि सहखातदार के नाम से दर्ज होकर आवेदक हुकमा एवं सहखातेदार मौके पर आपसी बंटवारे अनुसार काबिज होकर खेती कर रहे है। आवेदक कंकुबाई के हिस्से में से भूमि की मांग कर रहा है जो कंकूबाई की सहमति के बिना दिया जाना संभव नहीं है। कंकुबाई द्वारा लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से 06 जुलाई 2024 को प्रस्तुत करने पर रा०प्र०क्र/0058/अ-27/24-25 में दर्ज किया जाकर प्रकरण प्रचलन में है। आवेदक भुरा पिता बंदिया ग्राम चुलिया छोटी द्वारा बताया गया था कि मेरी निजी भूमि पर लठ, धारिया, टेक्ट्रर आदि लेकर बोवनी करने पर मारपीट कर झगड़ा करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था जिसका निराकरण ग्राम चुलिया छोटी में स्थित भूमि सर्वे नंबर 299 रकबा 0.4000 हेक्टे भुरा पिता बदिया, दल्लू, बूटिया, पप्पु टीडू, मुन्ना, कस्सुबाई पिता बदीया, लालसिंग, वाला, मडिया, शांतिया पिता खुंजी, मुली बेवा खुजी के नाम से दर्ज है। 06 जुलाई 24 को मौके पर आवेदन के निराकरण हेतु उपस्थित हुए। उक्त भूमि पर अनावेदक का पूर्व से ही कब्जा कर खेती करना बताया गया। आवेदक/अनावेदक द्वारा आपसी सहमति हेतु भील पंचायत के माध्यम से निराकरण हेतु समय चाहा गया है तथा आवेदक उक्त आपसी सहमति/भील पंचायत से निराकरण नहीं होने पर सीमांकन पश्चात धारा 250 का आवेदन प्रस्तुत करेगा तथा आवेदक/अनावेदक द्वारा किसी प्रकार का विवाद नहीं करने की सहमति दी है।

कलेक्टर नेहा मीना द्वारा विशेष जनसुनवाई 16 जुलाई 2024 (मंगलवार) को प्रातः 11.00 बजे अनुभाग पेटलावद के जनपद पंचायत सभाकक्ष, पेटलावद में ली जाएगी जिसमें जिले के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

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