गेल में हुई, हिन्दी कार्यशाला मैं, डॉ रामशंकर चंचल की, हिन्दी कविताओं का, रचना पाठ।
रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी - झाबुआ
झाबुआ गेलर गेल में एक दिवसीय हिन्दी भाषा की कार्यशाला महाप्रबन्धक प्रबुद्ध मजूमदार की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस अवसर पर प्रख्यात साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल कु. हनी हिरणखेड़े उप महाप्रबन्धक विकास राज, वरिष्ठ प्रबन्धक राहिंग डामोर और अन्य अधिकारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया इस अवसर पर महाप्रबन्धक मजूमदार ने, हिंदी के अस्तित्व को पूरी निष्ठा से स्वीकार करते हुए, गेल का कार्य भी हिन्दी भाषा में हो इस बात पर जोर देते हुए उसे अमल में लाने सभी को प्रेरित करते हुए, कहा हिन्दी भाषा बहुत ही सुखद अहसास कराती हैं।
उसका लेखन और वाचन हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
इस अवसर पर, ख्यात साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल ने हिन्दी भाषा सहज भाषा, मीठी और सुकूंन की भाषा है, पर विचार रखते हुए, हिन्दी भाषा की शुद्धता पर जोर दिया और उसे सभी को अवगत कराया, प्रमुख वक्ता हनी हिरणखेड़े ने विस्तार से राजभाषा हिंदी के महत्व को सामने रखते हुए प्रभावशाली विचार रखे इस अवसर पर, डॉ चंचल की अनेक हिन्दी कविता के खूब सूरत पोस्टर का गेल के सभी अधिकारियों द्वारा अवलोकन करने के साथ सराहा गया, डॉ चंचल ने अनेक उम्दा तरीके से, अपनी कविताओं का वाचन करते हुए सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। आयोजन का सफल संचालन हिन्दी अधिकारी, राहिंग डामोर ने कीया आभार अधिकारी विकास राज ने माना।