हज़रत दावलशाह वली की दरगाह पर पेश की अक़ीदत की चादर।
ताहिर कमाल सिद्दीकी | इंदौर
दिलों में मोहब्बत का पैगाम लेकर जब कदम आगे बढ़ रहे थे तो एकता का तानाबाना और मजबूत होता जा रहा था। हिन्दू मुस्लिम एकता का यह नजारा सिरपुर तालाब स्थित सूफी हजरत दावल शाह वली के उर्स मुबारक में चादर के जुलूस के दौरान देखने को मिला। तीन दिवसीय सालाना उर्स का आगाज़ कौमी एकता के संदेश के साथ हुआ। हज़रत दावलशाह वली उर्स कमेटी के संयोजक सरपंच हाजी सोहराब पटेल और अध्यक्ष हाजी सादिक़ पटेल ने बताया उर्स की शुरुआत शाम को असर की नमाज़ बाद चादर पेश करने के साथ हुई। दरगाह पर चादर पेश कर देश में अमन,भाईचारे और ख़ुशहाली की दुआ मांगी गयी। इस मौके पर बतौर खास मेहमान पूर्व विधायक संजय शुक्ला, छोटू शुक्ला, उर्स कमेटी के संयोजक हाजी सोहराब पटेल, अध्यक्ष हाजी सादिक़ पटेल, समाजसेवी अमजद खान, सूफी जावेद बाबा वारसी और सूफी अज़ीज़ नियाज़ी की खास मौजूदगी में चादर पेश करने की रिवायत (परंपरा) निभाई गयी।
सरपंच सोहराब पटेल ने कहा यहां के लोग बरसों से हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता का परचम थामे हुए हैं, इसे हम कभी झुकने नहीं देंगे और हमेशा मिलजुलकर सद्भाव क़ायम रखेंगे। इस दौरान उर्स कमेटी के उपाध्यक्ष फारूक पटेल, दिलावर पटेल, कोषाध्यक्ष एहसान ठेकेदार, सचिव सादिक अली, कुदरत, कबाड़ी, सहसचिव सन्नी पटेल, लंगर व्यवस्थापक में हाजी शरीफ पटेल,अफ़ज़ल ठेकेदार, जितेंद्र चौहान, नाना ठेकेदार आशिक पटेल, दिलीप चौधरी, इंतेजामिया सहयोग प्रतिनिधि जनपद सदस्य आबिद हुसैन, हाजी इसहाक़ पटेल, राधेश्याम चौहान, सद्दाम शहंशाह, ज़ुबैर पटेल, आबिद पटेल, जावेद खान, अनीस खान,अंसार लाला, अवेस खान , सोहेल पटेल, पटेल, गब्बर भाई टेंट वाले सहित बड़ी संख्या में हिन्दू-मुस्लिम एक साथ नज़र आये। इससे पहले चादर का परम्परागत जुलूस बांक की मक्का मस्जिद से निकला। मुम्बई के मशहूर कव्वाल अज़ीम नाज़ा की कव्वाली आज 7 जून को रात साढ़े नौ बजे से होगी। 8 जून को सुबह रंग-ए-महफ़िल होगी।