दर्शन के बिना सभी क्रिया निष्फल है - सा.श्री तत्वलताश्रीजी
रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी - झाबुआ
मेघनगर जब तक देव, गुरु, और धर्म पर सच्ची श्रद्धा नहीं होगी तब तक हममें सम्यक दर्शन नहीं आ सकता, और यदि जीवन में सम्यक दर्शन नहीं है तो हमारे जीवन में की जाने वाली सारी क्रिया निष्फल हो जाती है। उक्त उद्गार नगर में ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य साध्वीजी तत्वलताजी ने व्यक्त करते हुए पारा, झाबुआ, जावरा, मुंबई, आदि संघों के उपस्थित गुरु भक्तो को समझाते हुए कहा कि, देव मतलब अरिहंत, गुरु मतलब पंच महाव्रतधारी, और धर्म मतलब परमात्मा की जो आज्ञा है उसका पालन करना, और जो आत्मा इन तीनो पर श्रद्धवान होती है, उन्हे सम्यक दर्शन हो ही जाता है।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि आज पूज्य साध्वीजी के दर्शन वंदन हेतु, 65 सदस्य पारा से, 70 सदस्य जावरा से और 30 सदस्य झाबुआ से पधारे।
साथ ही कावड़िया ने बताया कि आगंतुक श्रीसंघ का बहुमान बहुमान के लाभार्थी परिवार, तिलक से जयन्तिलाल भंडारी, माला से प्रकाश लुणिया, श्रीफल से मनोहरलाल चोरडिया और मोमेंटो से कमलेश कोठारी परिवार ने बहुमान किया।