एक राष्ट्र, एक चुनाव भारतीय संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है: बीएलपी अध्यक्ष डॉ. रायजादा।
महेश ढौंडियाल - दिल्ली
भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायजादा ने "एक राष्ट्र, एक चुनाव" के विचार का विरोध किया है। इस मुद्दे पर बोलते हुए डॉ. रायजादा ने कहा कि यह अवधारणा भारतीय संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है, क्योंकि हमारा देश बहुदलीय लोकतंत्र है और भारतीय मतदाताओं का मतदान पैटर्न संसदीय और राज्य चुनावों में भिन्न होता है। डॉ. रायजादा ने कहा, "अमेरिका में 21 साल रहने के बाद मैं जानता हूं कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का यह विचार कहां से आ रहा है। लेकिन यह अवधारणा भारतीय संदर्भ में अप्रासंगिक है, क्योंकि अमेरिका के विपरीत भारत में राज्य स्तर की पार्टियां हैं, जो लोगों के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।"
बीएलपी अध्यक्ष डॉ. रायजादा ने यह भी कहा कि भारत में राजनीतिक दल संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं और सत्ता में आने के बाद वे करदाताओं के पैसे से अपनी जेबें भरते हुए भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। चुनाव सरकार बदलने और भ्रष्ट लोगों को सत्ता से बाहर करने का अवसर देते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि राज्य चुनाव और संसदीय चुनाव अलग-अलग समय पर हों। डॉ. रायज़ादा ने कहा, "भारत एक घूमता हुआ लोकतंत्र है, जिसमें लोग विपक्ष में बैठी पार्टी को सत्ता में आने का मौक़ा देते हैं, इस उम्मीद में कि वे पिछली सरकार से बेहतर काम करेंगे।" भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली राज्य को एक सुशासन मॉडल देने के लिए प्रतिबद्ध है। बीएलपी सामाजिक न्याय और राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रही है।