78 हजारों ने, सुनी, डॉ रामशंकर चंचल की, अकेला होना और हजारों को सुनाई, देश की कालजयी कविता

रहीम शेरानी झाबुआ

मध्य प्रदेश के साहित्य साधक, आज के समय के देश और विश्व के नई कविता और लधुकथा के विश्व चर्चित हस्ती डॉ रामशंकर चंचल की यू टू ब वीडियो को पूरे विश्व में अद्भुत सुने और सराहे जाते है झाबुआ, पिछड़े अञ्चल का यह एक देश के लिए चोकने वाला नाम है, जिस आदिवासी पिछड़े इलाके में साहित्य और संगीत की बात करते हुए किसी को देख मजाक बना दिया जाता है उस इलाके के इस साहित्य साधक ने आज सम्पूर्ण विश्व में, देश में अपनी अद्भुत अविरल पहचान के साथ झाबुआ और जिले के साथ ही मध्य प्रदेश और देश का भी नाम किया है इनकी एक ही कविता अभी तक, 78 हजारों द्वारा सुन कर बेहद बेहद सराही गई है,

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साहित्य जैसे गम्भीर विषय पर किसी नई कविता के वीडियो को सुन कर अद्भुत सराहना मिलना साहित्य के लिए शुभ संकेत है वही, नई कविता के लिए और झाबुआ पिछड़े इलाके के लिए भी बेहद गर्व का विषय है सालों से साहित्य की सेवा में लीन यह वह नाम है जिसने सचमुच देश में आज साहित्य जगत में, अपने सालों के रात भर जाग कर किया गये श्रम और निष्ठा से सेकडों आनेवाले कल के युवा पीढ़ी की प्रतिभा को साहित्य में सर्जन शाली बनाने के साथ आज कितने को अद्भुत पहचान भी दिलाई है सचमुच, वन्दनीय है यह पावन सोच और कर्म डॉ चंचल का जिसने कल को साहित्य से शून्य होने से बचाये रखा वही सेकडों रचनाओ से सम्पन्न भी किया है।

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