Ad 1
Ad 2
Ad 3

वेलहोप लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने का सशक्त माध्यम : आशा गुप्ता, संस्थापक एवं सीईओ,वेलहोप

(बचपन को दिशा देने की कोशिश: वेलहोप का सत्र बना बच्चों और अभिभावकों के लिए सीख)

वेलहोप (WellHope) के निजी हीलिंग ओर मानसिक वैलनेस की काउंसलरों की टीम ने विद्यांजली पहल (Vidyanjali Initiative) के तहत निगम परिषद स्कूल, उस्मानपुर का दौरा किया जिसका उद्देश्य कक्षा 4 से 5 तक के बच्चों के साथ एक काउंसिल सत्र किया, ताकि यह समझा जा सके कि बच्चे अपने स्कूल और घर के माहौल में कौन-कौन सी मुश्किलें झेलते हैं
वेलहोप एक ऐसा संगठन है जो मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक भलाई और हीलिंग के लिए काम करता है। वेलहोप रिलेशनशिप, करियर, बच्चों ओर यूथ की समस्याओं पर भी कम करता हैं। वेलहोप की टीम में अनुभवी मनोवैज्ञानिक, हीलर और परामर्शदाता शामिल हैं जो लोगों को व्यक्तिगत थेरेपी, वेलनेस सत्र और मनोवैज्ञानिक सहायता देते हैं।
वेलहोप स्कूलों, कॉलेजों और कॉरपोरेट संस्थानों के साथ मिलकर वर्कशॉप, जागरूकता कार्यक्रम और ट्रेनिंग सत्र भी करता है, ताकि लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करें, समझें और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील बनें।
टीम ने बच्चों से बातचीत में पाया कि कई बच्चों में कुछ गंभीर समस्याएँ हैं। जैसे— गंदी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना, गुप्तांगों को छूना, अच्छे और बुरे स्पर्श में फर्क न कर पाना। जिसके मुख्य कारण था, बच्चे बहुत छोटे घरों में रहते हैं, जहाँ वे अनजाने में बड़ों के सेक्सुअल व्यवहार को देख लेते हैं। इससे वे उलझन में पड़ जाते हैं और कभी-कभी वैसा ही व्यवहार दोहराने लगते हैं। ये एक गंभीर समस्या है जिसे अगर सही समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो ये बच्चे आपराधिक प्रवृति की तरफ बढ़ सकते हैं।
इन बातों को समझाने के लिए वेलहॉप टीम ने कहानी सुनाने, रोल प्ले और स्थिति आधारित चर्चा जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया। बच्चों को यह सिखाया गया कि—
अगर उन्हें कोई बात या स्थिति गलत लगे तो वे अपने माता-पिता या किसी भरोसेमंद बड़े से बात करें, अपने शरीर और भावनाओं की सीमाओं को समझें और दूसरों का सम्मान करना सीखें।
सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, वेलहोप टीम ने माता-पिता के लिए भी एक सत्र रखा। इसमें बताया गया कि घर पर बच्चों के साथ खुलकर बात करना, उन्हें समझना और उनकी निजता का सम्मान करना बहुत ज़रूरी है। माता-पिता को समझाया गया कि वे बच्चों को ऐसा माहौल दें जहाँ वे बिना डर या झिझक अपनी बातें बता सकें।
वेलहोप टीम ने यह भी बताया कि बच्चों के विकास में शिक्षकों की भूमिका बहुत अहम है। शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों के व्यवहार पर ध्यान दें, समस्या आने पर तुरंत कदम उठाएँ और बच्चों में आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और सुरक्षित व्यवहार की सीख को मज़बूत करें।
सत्र के अंत में बच्चों और अभिभावकों दोनों ने बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। कई माता-पिता ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी होने चाहिए।यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण बना कि बच्चों के लिए सुरक्षित और समझदारी भरा माहौल बनाना कितना ज़रूरी है।
आशा गुप्ता, संस्थापक एवं सीईओ,वेलहोप   ने विजय गौड़ ब्यूरो चीफ को बताया कि उनका मानना हैं  कि मानसिक स्वास्थ्य कोई लग्जरी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में पूर्णता का जीवन जीने का अधिकार है। जिसके लिए एक स्वस्थ बचपन, स्वस्थ प्रेम संबंध ओर अच्छा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य आवश्यक हैं। वेलहोप ऐसा प्लेटफॉर्म जो 24 घंटे ओर सातों दिन अपनी हीलिंग सेवाओं माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने लिए काम करता हैं। अभी वेलहोप अपनी सेवाएं www.wellhope.in से प्रदान कर रहा हैं। बच्चे हमारे देश का भविष्य है अगर हम आज उन्हें सही दिखा देंगे तो देश के भविष्य को सही दिशा मिलेगी। इसलिए वेलहोप के माध्यम से ऐसे प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य कोई लग्जरी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में पूर्णता का जीवन जीने का अधिकार है। जिसके लिए एक स्वस्थ बचपन, स्वस्थ प्रेम संबंध ओर अच्छा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य आवश्यक हैं। वेलहोप ऐसा प्लेटफॉर्म जो 24 घंटे ओर सातों दिन अपनी हीलिंग सेवाओं माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने लिए काम करता हैं। अभी वेलहोप अपनी सेवाएं www.wellhope. in से प्रदान कर रहा हैं। बच्चे हमारे देश का भविष्य है अगर हम आज उन्हें सही दिखा देंगे तो देश के भविष्य को सही दिशा मिलेगी। इसलिए वेलहोप के माध्यम से ऐसे प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं।

Advertisement

Advertisement Image

Leave a comment