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चेक बाउंस केस में किसान को मिली राहत, अदालत ने कहा – वैध कर्ज नहीं था

Akola, Awes Siddiqui

अकोला की 8वीं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने एक चर्चित निर्णय में चिखलगांव निवासी किसान आनंद ओंकार मेटकर को ₹3,01,755 के चेक बाउंस मामले में बरी कर दिया है।

सेवा सहकारी सोसायटी लिमिटेड द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप था कि आरोपी ने दिए गए कर्ज की अदायगी के लिए 22 दिसंबर 2021 को चेक जारी किया, जो बैंक द्वारा ‘अपर्याप्त निधि’ के कारण अस्वीकृत कर दिया गया। नोटिस देने के बावजूद आरोपी ने कोई उत्तर नहीं दिया।

मगर अदालत में सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि आरोपी ने 2020 में ही कर्ज चुका दिया था। सोसायटी कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं कर सकी कि चेक की तारीख को कोई वैध बकाया था।

अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल चेक बाउंस होने से अपराध सिद्ध नहीं होता जब तक वैध देनदारी न हो।

अधिवक्ता तौसिफ नियाजी ने आरोपी की ओर से प्रभावी और विधिपूर्ण तरीके से पक्ष रखा। उन्होंने दस्तावेजों की खामियों को बारीकी से उजागर किया। अधिवक्ता ने केस में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए जमानत बंधन भी समाप्त कर दिए।

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