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भारत की अखंडता में सरदार वल्लभभाई पटेल का अमूल्य योगदान : प्रोफेसर राजीव कुमार कुलपति

(विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह के नेतृत्व में जे सी बोस विश्वविद्यालय के कलाम चौक पर मीडिया विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ओपन माइक प्रत्येक महीने के अंतिम शुक्रवार को नियमित रूप से होता है।) 

  जे सी बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग और युवा फॉर सेवा के संयुक्त तत्वावधान में 'ओपन माइक वेलर डायरीज़' का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत महापुरुषों का स्मरण कर विद्यार्थियों में राष्ट्रभावना जागृत की गई। इस आयोजन के माध्यम  से वाईएमसीए विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी छिपी हई प्रतिभा का प्रदर्शन किया ओर भारतीय संस्कति की समृद्धता को जीवंत किया। । 

 विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह के नेतृत्व में जे सी बोस विश्वविद्यालय के कलाम चौक पर मीडिया विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ओपन माइक प्रत्येक महीने के अंतिम शुक्रवार को नियमित रूप से होता है इस खुले मंच पर छात्रों द्वारा गीत, शायरी, काव्य, नृत्य, की मनमोहक प्रस्तुतियों और अन्य कलात्मक विधाओं ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने ब्यूरो चीफ विजय गौड़ को बताया कि इस बार के कार्यक्रम को एकता दिवस के सम्मान में समर्पित किया गया था, जो भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से हम उन महापुरुषों को याद करते हें जिन्होंने राष्ट निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया।

विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने सरदार पटेल के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और योगदान का स्मरण करते हुए छात्रों को प्रेरित किया। कुलगुरु प्रोफेसर राजीव कुमार ने कहा कि लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हे। भारत की अखंडता में उनके योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने छात्रों को एकता में अखण्डता की सीख दी।

विश्वविद्यालय के इस सांस्कृतिक पहल में भाग लेने वाले छात्रों ने अपनी बहुआयामी प्रतिभा का लाजवाब परिचय दिया। गीत से लेकर काव्य, नृत्य से लेकर तुरंत सृजनशीलता तक, प्रत्येक प्रस्तुति दर्शकों के मन को स्पर्श करती रही। कविता, भाषण और स्टैंडअप प्रस्तुतियां सरदार पटेल के आदर्शों और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थीं। यह मंच विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ जिन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर नहीं मिलता है।

कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रतिभागियों, आयोजकों और शिक्षकगणों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विभाग की डीन प्रोफेसर अणुराधा शर्मा और समन्वयक डॉ. अखिलेश त्रिपाठी की सक्रिय देखरेख में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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