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कलेक्टर महोदय द्वारा दतिया अस्पताल में पिंक अलार्म के परिणाम सामने आए

गुलशन परूथी - ग्वालियर

कलेक्टर महोदय, जिला-दतिया और अस्पताल प्रशासन द्वारा लगाए गए पिंक अलार्म का असर दिखने लगा है।

रात्रि में एक बड़ी अप्रिय घटना टल गई और अस्पताल प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई।

आर.जी. कर मेडिकल कलकत्ता में हुई दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कलेक्टर जिला दतिया श्री संदीप कुमार माकिन जी, पुलिस अधीक्षक श्री वीरेंद्र कुमार मिश्रा, डीन शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया डॉ. दीपक सिंह मरावी ने बैठक आयोजित कर पिंक अलार्म लगाने का निर्णय लिया, ताकि अस्पताल परिसर में किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उपरोक्त सुविधा का प्रभाव यह रहा कि रात्रि में ड्यूटी डॉक्टर पर हमले की घटना के बाद पिंक अलार्म का तत्काल उपयोग कर बड़ी घटना को रोका जा सका।

दिनांक 20.10.2024 को रात्रि में करीब 01:00 बजे डॉ दुर्गा प्रसाद जिनकी ड्यूटी सर्जिकल आईसीयू में थी तथा वे अपना शासकीय कार्य कर रहे थे। तत्पश्चात डॉ दुर्गा प्रसाद को ट्रामा सेंटर में पदस्थ इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ कल्पित अग्रवाल द्वारा मरीज को देखने के लिए ट्रामा सेंटर बुलाया गया। जब डॉ दुर्गा प्रसाद मरीज शिवम चौहान पुत्र अरविंद को प्राथमिक उपचार दे रहे थे, तभी मरीज शिवम चौहान ने डॉ दुर्गा प्रसाद के गाल पर थप्पड़ मार दिया तथा भद्दी-भद्दी गालियां दी तथा मरीज के साथी लाला गुर्जर, हिम्मत सिंह व जितेंद्र रावत आदि ने डॉक्टर के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। मरीज शिवम चौहान के साथ लाला गुर्जर ने भी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ धक्का-मुक्की की। मरीज शिवम चौहान व उसके साथी डॉ कल्पित अग्रवाल के साथ भी उपरोक्त चारों व्यक्तियों द्वारा गाली-गलौज की गई तथा ट्रामा सेंटर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों के साथ ड्यूटी के दौरान गाली-गलौज व मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई। उनके साथ करीब 30-40 लोगों की भीड़ थी तथा वे हथियारों से लैस थे। अप्रिय घटना होने की आशंका थी। तभी डॉक्टर ने मौके पर पिंक अलार्म बटन दबा दिया और पूरा स्टाफ यह सोचकर वहां इकट्ठा हो गया कि विभाग में कोई हादसा हो गया है। तत्काल अस्पताल प्रशासन ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस प्रशासन एसडीओपी प्रियंका मिश्रा को घटना की जानकारी दी। उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस बल भेजकर अप्रिय घटना को रोका। उक्त मामले में चिकित्सा अधीक्षक डॉ अर्जुन सिंह ने डॉक्टरों के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत तत्काल कार्रवाई करते हुए थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ तत्काल विभागीय प्राथमिकी दर्ज कराई जिसका कांड संख्या 0734/2024 है और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

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