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समाज के लिए कुछ करने की क्षमता ही सच्ची पूजा: न्यायमूर्ति माहेश्वरी।

गुलशन परुथी। ग्वालियर।

          हम लोगों में समाज को कुछ देने की क्षमता है, इसलिए ईश्वर ने हमें चुना है। हमें अपने कर्तव्य का पालन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। जो अधिक सच बोलता है, उसका विरोध भी होता है। इसलिए किसी बात की चिंता किए बिना आप अपने दायित्व पर चलते रहिए," यह बात सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री जे. के. माहेश्वरी ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ग्वालियर शाखा के दायित्व ग्रहण समारोह में कही।

           रविवार को यह कार्यक्रम भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति श्री जे. के. माहेश्वरी, विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति जस्टिस श्री आनंद पाठक और कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान मंचासीन थे। इस अवसर पर जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.एस धाकड़, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. बृजेश सिंघल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रशांत लहारिया, सचिव डॉ. स्नेहलता दुबे, और अन्य गणमान्य चिकित्सक उपस्थित थे।

           न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने इस अवसर पर अपनी यादें साझा करते हुए, आईएमए अध्यक्ष का दायित्व डॉ. सिंघल को सौंपा। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति चिकित्सकों की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और हमें हमेशा अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी चाहिए।

            जस्टिस श्री आनंद पाठक ने कहा, "डॉ. बृजेश सिंघल व उनकी टीम ने इस समारोह को 'दायित्व ग्रहण समारोह' नाम दिया है, न कि 'पद ग्रहण कार्यक्रम', इसके लिए उनकी टीम बधाई की पात्र है।" उन्होंने आईएमए को वर्कशॉप्स के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य और बेहतर अटेंडर बनने के लिए जागरूकता फैलाने का सुझाव दिया।

           कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा, "चिकित्सक का पेशा न्याय और प्रशासनिक अधिकारियों की तरह चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन चिकित्सकों का समाज में विशेष सम्मान होता है और लोगों की उनसे अधिक उम्मीदें होती हैं।" उन्होंने बताया कि दिसंबर में एम्स के सहयोग से ग्वालियर में एक तीन दिवसीय कैम्प आयोजित होने जा रहा है, जिसमें आईएमए की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

           इस अवसर पर, डीन डॉ. धाकड़ ने कहा, "चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन हमें इसे विधाता न समझते हुए, मनुष्य के रूप में ही देखा जाना चाहिए।"

           कार्यक्रम के अंत में, राजामान सिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने नाटक का मंचन कर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. रोजा ओल्याई और डॉ. प्रतिभा गर्ग ने किया।

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