मानवी जैन: क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों को भी मिले ध्यान।

ताहिर कमाल सिद्दीकी। इंदौर।
 
जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक विजेता मानवी जैन ने इस बात पर अफ़सोस जताया कि हमारे देश में अन्य खेलों की तुलना में क्रिकेट को हर स्तर पर तरजीह (प्रधानता) दी जाती है। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में अनेक खेलों के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का नाम उज्जवल कर रहे हैं।

स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के संवाद कार्यक्रम में पेरू में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 25 मीटर की निशानेबाजी इवेंट में कांस्य पदक और टीम गेम में स्वर्ण पदक जीतने वाली इंदौर की युवा निशानेबाज मानवी जैन ने बताया कि इस चैम्पियनशिप में 51 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत से 60 खिलाड़ियों ने इस चैम्पियनशिप में भाग लिया और करीब 30 पदक जीत कर चैम्पियनशिप में नया विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किया। वर्षों बाद भारत में चायना को पहले स्थान से चौथे स्थान पर धकेल दिया। 

हाल ही मे सत्यसाई स्कूल से बारहवीं कक्षा पास करने के बाद मानवी जैन ने डीएवीवी के पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है। उन्होंने बताया कि निशानेबाजी खेल के लिए उन्हें पिछले कई वर्षों से विभिन्न प्रतियोगिताएं के लिए साल में सौ दिन यात्राएँ करना पड़ती हैं। उन्होंने बताया कि परिवार में पहले पिता विवेक जैन और बाद में बहन सूर्यानी जैन के राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजी खिलाड़ी होने की वजह से उन्हें खूब प्रोत्साहन मिला। कैप्टन कमल सिंह चौहान और पुष्पेन्द्र सेंगर ने उनकी प्रतिभा को अचूक तरीके से तराशा।

मानवी जैन से बताया कि निशानेबाजी बेहद मंहगा खेल है। अलग-अलग दूरी के इवेंट के लिए उनके पास इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया जैसे देशों की दस से ज्यादा पिस्टल हैं। इन्ही पिस्टल से वे वर्ष भर कड़ा अभ्यास भी करती हैं। नियमानुसार उन्हें एक साल में एक लाख कारतूस चलाने की अनुमति है। पिस्टल के हिसाब से यह कारतूस भारत के अलावा विभिन्न देशों से भी मंगाने पड़ते हैं।

मानवी ने बताया कि निशानेबाजी के अभ्यास के लिए शूटिंग रेंज की उपलब्धता अहम् मसला है। उनके पिता ने पहले घर पर और फिर मूसाखेड़ी के गोडाउन में शूटिंग रेंज बनाकर नियमित अभ्यास की व्यवस्था करवाई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूचि वाले खेलो इण्डिया गेम्स में गोल्ड मैडल जीतने पर उन्हें आर्मी मार्क्स मेन यूनिट, एएमयू महू की शूटिंग रेंज में अभ्यास की विशेष अनुमति मिली है। वो सप्ताह में तीन-चार मर्तबा अभ्यास के लिए महू भी जाती है जहाँ 10, 20, 50 मीटर दूरी की निशानेबाजी करती हैं। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए चयन प्रतियोगिताओं के अलावा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एवं अन्य पांच ट्रायल्स में प्रथम पांच खिलाड़ियों में बने रहना होता है। मानवी जैन के आदर्श खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा है और 2028 के ओलंपिक में पदक जीतना उनका लक्ष्य है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि निशानेबाजी के खेल में खेल मंत्रालय आर्थिक सहयोग नहीं करते हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं में आना-जाना, ठहरना, पिस्टल और कारतूसों का खर्चा यह सब परिजनों को वहन करना पड़ता है। मानवी जैन ने सरकार और बड़े औद्योगिक घरानों का आव्हान किया कि वे अन्य खेलों को भी समुचित प्रोत्साहन देवें।

प्रारम्भ में स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने मानवी जैन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में भाजपा के सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन ‘टीनू’ एवं समाजसेवी अशोक मेहता ने स्वर्णिम उपलब्धि हासिल करने पर मानवी जैन का सम्मान किया। इस अवसर पर श्री जैन ने कहा कि मानवी जैन ने न केवल इंदौर बल्कि मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि निशानेबाजी खेल के प्रोत्साहन और मानवी जैन के अभिनन्दन के लिए वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा करेंगे।

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