निरंकारी मिशन ने ‘वननेस वन’ परियोजना के चौथे चरण का शुभारंभ किया।

महेश ढौंडियाल – दिल्ली

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के मार्गदर्शन में संत निरंकारी मिशन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्ष 2021 में ‘वननेस वन’ मेगा वृक्षारोपण परियोजना का शुभारंभ किया। इस परियोजना का उद्देश्य ‘पेड़ों के समूह’ को लगाकर उनकी देखभाल करके ‘लघु वन’ बनाना और उनका रखरखाव करना है।

संत निरंकारी मंडल के सचिव माननीय श्री जोगिंदर सुखीजा जी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2021 में आयोजित ‘वननेस वन’ परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत पूरे भारत में लगभग डेढ़ लाख पेड़ लगाए गए। निरंकारी भक्तों द्वारा जिस उत्साह के साथ इन पेड़ों को लगाया गया था, उसी उत्साह के साथ पूरे वर्ष इनकी देखभाल भी की गई। परिणामस्वरूप, इन ‘पेड़ों के समूह’ का इतना विस्तार हुआ कि अब यह एक ‘लघु वन’ के रूप में दिखाई देने लगा है। इन वृक्ष समूहों पर प्रवासी एवं दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की उपस्थिति भी देखी जा रही है, जिनका अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका था। निःसंदेह, प्रकृति के संतुलन में इन सभी जीवों का बहुत महत्व है।

वर्ष 2022 में भी ‘वननेस वन’ परियोजना का दूसरा चरण बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया गया, जिसमें वृक्षों की संख्या बढ़कर 2 लाख के करीब हो गई। उसके बाद, इनकी संख्या में साल दर साल निरंतर वृद्धि हो रही है और इसके परिणामस्वरूप अब लगभग 2.50 लाख वृक्ष लगाए जा चुके हैं, जिनकी निरंतर देखभाल भी की जा रही है। मिशन द्वारा इन वृक्षों को फलदार एवं पोषित बनाए रखने के लिए स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक वातावरण के अनुसार इन्हें लगाया जा रहा है, जिसमें इनकी सुरक्षा एवं वृद्धि के लिए उत्तम जैविक खाद, स्वच्छ जल एवं नवीनतम सिंचाई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि इनका पूर्ण विकास हो सके।

इस परियोजना को समाज कल्याण के लिए एक आवश्यक पहल के रूप में क्रियान्वित करने के उद्देश्य से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनेक नए स्थानों को जोड़ते हुए इस अभियान के चौथे चरण की सेवाओं की शुरुआत रविवार 11 अगस्त को पूरे भारत में 600 से अधिक स्थानों पर ‘वृहद वृक्षारोपण अभियान’ के रूप में की जा रही है। इसमें मिशन के सभी अनुयायी एवं स्वयंसेवक लगभग 10 लाख पौधे लगाएंगे तथा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए तीन से पांच वर्षों तक इन वृक्षों की देखभाल भी करेंगे ताकि ये प्रथम चरण की भांति ‘मिनी फॉरेस्ट’ के रूप में फल-फूल सकें।

यह पहल स्वच्छ वायु एवं पर्यावरण संतुलन के लिए वृक्षों के महत्व को रेखांकित करती है, जो 2020 के कोविड-19 संकट, प्राण वायु अर्थात ऑक्सीजन द्वारा रेखांकित एक सबक है, जिसके लिए इन वृक्षों का अस्तित्व बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन वृक्षों की अधिक संख्या के प्रभाव से न केवल आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा बल्कि स्थानीय तापमान भी नियंत्रित रहेगा। निरंकारी मिशन समय-समय पर ऐसी कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित करके ‘पर्यावरण संरक्षण’ तथा धरती को सुन्दर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

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