मेघनगर हज यात्रा से आये हाजियों का रेल्वे स्टेशन पर गर्मजोशी से स्वागत इस्तकबाल किया गया।
रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी – झाबुआ
हज के दौरान हाजियों ने मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी।
हज यात्रा पर गए मेघनगर झाबुआ जिले के हाजियों के अपने वतन वापस लौटने का सिलसिला लगातार जारी है और आगे भी जारी रहेगा। करीबन 42 दिन में हज के अरकान व मक्का – मदीना की ज़ियारत पूरी करके लौट रहे हाजियों के जत्थे का मेघनगर रेल्वे स्टेशन एवं घर पर पहुचने पर गर्मजोशी से स्वागत इस्तकबाल वेलकम किया गया। मेघनगर नयापुरा से हज ज़ायरीन वन क्लास के कॉन्टैक्टर हाजी जनाब अशलम भाई शेरानी का इस्तकबाल स्वागत वेलकम परिजनों मित्रों दोस्त एहबाब ने आगवानी कर किया गया। हाजी अशलम भाई शेरानी, आंखों में खुशी के आंसू भर अपने घर जाने के पहले अपनी सोसायटी (मोहल्ले) के तमाम घरो मे पहुचे गले मिल मुसाफा किया।
मुकद्दस मुक़ामात के बारे में अकबिरो द्वारा बताई गई कुछ अहम फ़ज़ीलत।
हुजूरे अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि अल्लाह जल्ल शानुहू की एक सौ बीस रहमतें रोज़ाना उस घर पर ( मक्का पर ) नाजिल होती हैं, जिन में से आठ तवाफ करने वालों पर और चालीस वहां नमाज पढ़ने वालों पर और बीस बैतुल्लाह को देखने वालों पर होती हैं।
हज़रत सईद बिन मुसय्यिब रह:
ताबई फरमाते हैं कि जो ईमान व तस्दीक के साथ काबे को देखे, वह ख़ताया गुनहो से ऐसा पाक हो जाता है जैसा आज ही पैदा हुआ।
अबू साइब मदनी रह:
कहते हैं, जो ईमान व तस्दीक के साथ काबे को देखे, उस के गुनाह ऐसे झड़ते हैं, जैसे दरख्त से पत्ते झड़ जाते हैं और जो शख़्स मस्जिद में बैठ कर बैतुल्लाह को सिर्फ देखता रहे, चाहे तवाफ व नमाज़ नफ्ल न पढ़ता हो, वह अफज़ल है उस शख्स से, जो अपने घर में नफलें पढ़े और बैतुल्लाह को न देखे।
हज़रत अता रह:
कहते हैं की बैतुल्लाह को देखना भी इबादत है और बैतुल्लाह को देखने वाला ऐसा है, जैसा कि रात को जागने वाला, दिन में रोज़ा रखने वाला और अल्लाह के रास्ते में निकलने वाला और अल्लाह की तरफ रुजू करने वाला।
हज की फ़ज़ीलत में आलिमो के कॉल।
- हाजियों की फ़ज़ीलत में आता है और ये फरमाया हज़रत मोहम्मद सल्ल. ने की हाजी कभी फ़क़ीर नही होता यानी (हज पड़ने के बाद हाजी कभी गरीबी नही देखेगा हाफिज मोहसिन पटेल इमामे मरकज़ मेघनगर झाबुआ)
- आगे फरमाया हाजी हज करके जब लौटता है तो गौया वो ऐसा हो जाता है जैसे वो आज ही माँ के पेट से पैदा हुआ हो यानी बेगुनाह दुनिया मे आया हो (मौलाना रूहुल अमीन मरकज़ मेघनगर झाबुआ)
हज के दौरान मुल्क में अमन चैन की मांगी गई दुआ।
हाजी असलम भाई शेरानी ठेकेदार सहाब का स्वागत इस्तकबाल आजाद मेडिकल के संचालक हाजी जनाब इरफान शेरानी साहब, डॉक्टर अयूब, पत्रकार रहीम शेरानी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता युसूफ नन्हे खा, नुर भाई, अनीश खान पठान, अशपाक शेरानी, जियाउलहक कादरी, इरफान शेरानी, राजु, लियाकत मामु, इस्माईल भाई शेरानी, सौएब शेरानी, राजु कादरी, आमीन जमाई, हाजी अशलम गडुली, युसुफ शेरानी, शानु डेनी भाई, अबदुल्ला भाई, इमरान, अनिल, बाबु शेरानी, अबरार खान, सलमान शेरानी, इम्तियाज शेरानी, केलाश, शाहरुख शेरानी, चेतन झामर, रेखा जान, मेहबुब आदि ने स्वागत इस्तकबाल वेलकम किया।
हज यात्रा कर आये अशलम भाई शेरानी ने कहा हज अदा करने पर सच्चा रूहानी सुकून मिलता है जिसको अल्फ़ाज़ शब्दो में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया मक्का मदीना जाकर हिंदुस्तान की तरक्की, खुश हाली, सुकून अमन और शांति के लिए भी खास दुआए मांगी गई।