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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवीआईसी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया।

महेश ढौंडियाल – नई दिल्ली

  • खादी एवं ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा।
  • केवीआईसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनंतिम आंकड़े जारी किए।
  • पिछले 10 वर्षों में उत्पादन में 315% और बिक्री में 400% की वृद्धि।
  • 10 वर्षों में नए रोजगार सृजन में ऐतिहासिक 81% की वृद्धि।
  • खादी ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली के कारोबार में 10 वर्षों में रिकॉर्ड 87.23% की वृद्धि।
  • केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा, “मोदी की गारंटी ने खादी की बिक्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंगलवार को केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनंतिम आंकड़े जारी किए। पिछले सभी आंकड़ों को पार करते हुए वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 प्रतिशत (लगभग 400%), उत्पादन में 314.79 प्रतिशत (लगभग 315%) और नए रोजगार सृजन में 80.96 प्रतिशत (लगभग 81%) की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2013-14 की तुलना में बिक्री में 332.14%, उत्पादन में 267.52% तथा नए रोजगार सृजन में 69.75% की वृद्धि हुई।

केवीआईसी के इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने तथा भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 में केवीआईसी उत्पादों की बिक्री 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिक्री का आंकड़ा 1.34 लाख करोड़ रुपये था। ‘मोदी सरकार’ के पिछले दस वित्तीय वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 में 31154.20 करोड़ रुपये थी, बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 155673.12 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में केवीआईसी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं, जिससे ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और देश के सुदूर गांवों में काम करने वाले करोड़ों कारीगरों के अथक प्रयासों को दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ से खादी उत्पादों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। युवाओं के लिए खादी फैशन का ‘नया स्टेटस सिंबल’ बन गई है। बाजार में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसका असर उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों पर दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बड़े बदलाव और निर्णय लिए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि देश की जनता का भरोसा ‘मेक इन इंडिया‘, ‘वोकल फॉर लोकल‘ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर बढ़ा है।

खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन में बड़ी वृद्धि।
खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन वित्तीय वर्ष 2013-14 में 26,109.08 करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 314.79 प्रतिशत की उछाल के साथ 108,297.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्पादन 95956.67 करोड़ रुपये रहा। लगातार बढ़ता यह उत्पादन इस बात का पुख्ता सबूत है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऐतिहासिक काम किया है।

खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में बड़ी उछाल।
पिछले 10 वित्तीय वर्षों में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों ने हर साल बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। जबकि पिछले वित्त वर्ष में बिक्री 1,000 करोड़ रुपये रही थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में खादी वस्त्रों का उत्पादन 31,154.20 करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 399.69 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ 1,55,673.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक की सबसे अधिक बिक्री है।

खादी वस्त्रों के उत्पादन का नया रिकॉर्ड।
पिछले दस वर्षों में खादी वस्त्रों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां खादी वस्त्रों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 295.28 प्रतिशत की उछाल के साथ 3,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में खादी वस्त्रों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये रहा।

खादी वस्त्रों की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास।
पिछले दस वित्तीय वर्षों में खादी वस्त्रों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री मात्र 1,081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 500.90 फीसदी की वृद्धि के साथ 6,496 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में खादी की बिक्री में भारी उछाल देखने को मिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े मंचों से खादी के प्रचार-प्रसार का व्यापक असर खादी वस्त्रों की बिक्री पर पड़ा है। पिछले वर्ष देश में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम से लेकर राजघाट तक जिस तरह खादी का प्रचार-प्रसार किया, उससे विश्व समुदाय खादी की ओर आकर्षित हुआ है।

नए रोजगार सृजन और संचयी रोजगार सृजन का नया कीर्तिमान।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। केवीआईसी ने भी पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.30 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह 43.65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.87 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह, वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां 5.62 लाख नए रोजगार सृजित हुए, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह 80.96 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.17 लाख पर पहुंच गया। खादी वस्त्र निर्माण में 4.98 लाख ग्रामीण खादी कारीगर (कताई करने वाले और बुनकर) और श्रमिक भी कार्यरत हैं।

खादी ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली के कारोबार में रिकॉर्ड वृद्धि।
खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां यहां कारोबार 51.13 करोड़ रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह 87.23 प्रतिशत बढ़कर 95.74 करोड़ रुपये हो गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में खादी ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली का कारोबार 83.13 करोड़ रुपये रहा।

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