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मास्टर सिराज-उर-रहमान फारूकी साहब नहीं रहे।

ताहिर कमाल सिद्दीकी – इंदौर

आज़ादनगर में रहने वाले अपने जमाने के उर्दू शिक्षक एवं मदरसा अल फलाह के निगराँ मास्टर सिराज-,उर-रहमान फारूकी साहब (82 वर्ष) का इंतकाल हो गया। खजराना हबीब मेडिकल के संचालक हबीब उर-रहमान फारुकी, हाफ़िज़ सईदउर रहमान फारूकी, अब्दुल्लाह ताहिर और मोहम्मद राबे के वालिद थे। ताउम्र उन्होंने नेकनीयती व सादगी के साथ गुज़ारी। खामोश तबीयत के मास्टर सिराज साहब नमाज़ों की पाबंदी ज़िंदगी की आखरी सांस तक करते रहे। मज़हबी इल्मी किताब पढ़ने का बहुत शौक था, यही वजह है कि उनके हाथ मे हमेशा किताब नज़र आती थी। उन्होंने नयापीठा के उर्दू स्कूल में बरसों उर्दू पढ़ाई। उन्होंने उर्दू में एमए किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के हाथों भोपाल में वरिष्ठ उर्दू शिक्षक के तौर पर वे सम्मानित भी हो चुके हैं। उनको आजाद कब्रस्तान में सुपुर्दे खाक़ किया गया। बेशुमार लोगों ने अफसोस ज़ाहिर करते हुए खिराजे अक़ीदत पेश की।

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