अंचल में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं : संजय मल्होत्रा।

गुलशन परुथी - ग्वालियर

जीवाजी विवि के पर्यटन विभाग में मनाया गया विश्व पर्यटन दिवस।

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग में शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया। विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा व पर्यटन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. राधा तोमर सह संयोजक डॉ. पीके जैन ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्जवलित कर किया।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित संजय मल्होत्रा ने कहा कि इस अंचल में पर्यटन की बहुत संभावनाएं है हमारे अंचल में राष्ट्रीय उद्यान खोलने एवं चीतों के आने से क्षेत्र की मांग पर्यटन के क्षेत्र में निश्चित ही बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मितावली पडावली सहित क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड पर्यटन के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। रागिनी फाउंडेशन की संस्थापक दीपा दीक्षित ने कहा कि हम मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के साथ मिलकर क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं। क्षेत्र में पर्यटन की काफी संभावना है। जिन ऐतिहासिक विरासत से लोग अपरिचित हैं उनसे लोगों को परिचित कराना है। डॉ. पीके जैन ने कहा कि री-थिंक टूरिज्म का अनुसरण करना चाहिए। पर्यटन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. राधा तोमर ने पर्यटन के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि किसी भी देश की आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति में हमेशा से ही पर्यटन का एक अहम योगदान रहा है। भारत कला, संस्कृति, प्राकृक्तिक सौंदर्य एवं ऐतिहासिक इमारतों वाला देश है। हर वर्ष विश्व के सभी कोनों से लोग भारत की सुंदरता को देखने के लिए आते है। विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में नेत्र शिविर का आयोजन भी किया गया।स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा ऐतिहासिक विरासत पर रील्स बनाई गई जिसमें केवी स्कूल के छात्र शिवांग ने पटवा वाटरफॉल पनिहार कि रील बनाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं सिमरन संतवानी ने मितावली पडावली पर रील्स बनाकर द्वितीय स्थान प्राप्त किया। दोनों विजेताओं को नगद पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा कविता वाचन, लोक नृत्य, लोक संगीत आदि की प्रस्तुति दी गई।जिसमें विद्यार्थियों ने देश को सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

ऐतिहासिक विरासत का प्रचार किया-

सांस्कृतिक कार्यक्रम में कल्चर वॉक हुई। इसमें अलग-अलग राज्यों के परिधान में विद्यार्थी पहुंचे। जिन छात्र-छात्राओं ने दक्षिण भारत को प्रजेंट किया उन्होंन वहां के सुपर स्टार के अंदाज में वॉक की। सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल, समूह नृत्य और गान हुआ। इसमें ग्वालियर और चंबल संभाग की ऐतिहासिक विरासत का प्रचार-प्रसार किया गया।

बॉक्स: स्थानीय महिलाओं ने दी लोकगीत की प्रस्तुति।

मप्र पर्यटन बोर्ड द्वारा संचालित महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत ट्रेंड मितावली पडावली की महिलाओं ने चुनरी में लग गया दाग री ऐसा चटक रंग लाया.... बसंत रंग की चुनरी लाओ मोरे सैयां..... देवकी पाल, शीला पाल, गिरजा, पाल, अर्चना कटारे ने लोकगीत की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर प्रो.राधा तोमर, सह समन्वयक डॉ. पीके जैन,संजय मल्होत्रा,दीपा दीक्षित,डॉ.अंकित अग्रवाल, डॉ.कृष्णा नरवरिया,डॉ.नेहा शर्मा,डॉ.क्षिप्रा सिंह चौहान सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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