स्थानीय हाजी नगर निवासी डॉ. मोहसिन खान की 7 वर्षीय पुत्री जुनैरा नूर ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा। भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त करते हुए उन्होंने सुबह सहरी से लेकर शाम इफ्तार तक पांच बार नमाज अदा की. इन दिनों रमज़ान का पवित्र महीना शुरू होता है और हर मुस्लिम पुरुष और महिला एक महीने तक रोज़ा रखते हैं और इबादत में लीन रहते हैं। इस महीने में रोजा रखने और अल्लाह की इबादत करने का ख्याल बच्चों के मन में भी रहता है. इसके तहत जुनैरा नूर ने इस साल रमजान महीने के पांच रोजे रखने और अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखने का गौरव हासिल किया है. भूख-प्यास की तीव्रता को सहन करना तथा 14 घंटे से अधिक समय तक उपवास करना। वह पूरे दिन अल्लाह की इबादत में लीन रहीं और देश में अमन-चैन की दुआ भी मांगती रहीं। रमज़ान के महीने में छोटी लड़कियाँ रोज़ा रखती हैं और इबादत करती हैं। इसे लेकर परिजनों समेत आसपास के लोगों ने भी काफी खुशी जताई.