ब्यूरो चीफ रहीम शेरानी हिंदुस्तानी – झाबुआ
समाजवादी चिंतक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मामा बालेश्वर दयाल की 25वीं पुण्य तिथि पर मध्य प्रदेश सहित गुजरात, राजस्थान से हजारों की संख्या में अनुयायी अगाध श्रद्धा के केंद्र भील आश्रम पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किये। बामनिया, झाबुआ में भील आश्रम। मध्य प्रदेश, गुजरात के दूरदराज के इलाकों और खासकर राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ आदि दूरदराज के इलाकों से मामाजी के 5 हजार से ज्यादा भक्त पैदल और वाहनों से बामनिया पहुंचे। इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। 25 दिसंबर की शाम तक अधिकांश अनुयायी बामनिया पहुंच गए थे। 26 दिसंबर को देर रात तक अनुयायियों का आना-जाना जारी रहा.

रात खुले में बिताकर मैंने पूरी रात अपने चाचा के भजन गाकर बिताई।
मामाजी अमर रहें. जब तक सूरज चाँद रहेगा मामाजी का नाम रहेगा। जयकारों के साथ अनुयायियों ने मामाजी को माला पहनाई, समाधि स्थल पर नारियल चढ़ाए और श्रद्धासुमन अर्पित किए। मामा बालेश्वर दयाल की पुण्य तिथि पर समाजवादी नेता और जनता दल यूनाइटेड द्वारा मामाजी के संघर्षों पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पूर्व कार्यक्रम में विधायक डॉ. सुनीलम और जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश जयसवाल, थांदला से हरिओम सूर्यवंशी, क्रांति कुमार वेद, तोलसिंह गणावा और रतलाम, इंदौर, झाबुआ, मेघनगर और दूर-दराज के क्षेत्रों से समाजवादी चिंतक शामिल हुए.
मेरे चाचा के आश्रम और उनकी कुटिया पर मेले जैसा माहौल था।
मामाजी के अनुयायियों ने पूरी रात जागकर अपने प्रिय को याद किया। इस दौरान अमरगढ़ रोड स्थित भील आश्रम क्षेत्र में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया. जिसमें माला-फूल व अन्य पूजन सामग्री की 100 से अधिक दुकानें लगी थीं। मामाजी के आश्रम और उनकी कुटिया पर मेले जैसा माहौल था; हजारों लोगों की मौजूदगी के बावजूद व्यवस्थाएं सुचारू नहीं रहीं। सभी ने कतार में खड़े होकर झोपड़ी में चाचा की मूर्ति के दर्शन किए। समाधि स्थल पर भी मामा की प्रतिमा और समाधि स्थल पर एक-एक कर पुष्प अर्पित किये गये.
चाचा बालेश्वर दयाल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए.
चाचा बालेश्वर दयाल की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पेटलावद से बामनिया पहुंचे जदयू प्रदेश अध्यक्ष सूरज जयसवाल ने केंद्र सरकार से चाचा को भारत रत्न देने की मांग की. कार्यक्रम में सारंगी मंडल मंडल अध्यक्ष सुखराम मोरी, महामंत्री भवरसिंह गेहलोत, ओबीसी मोर्चा मंडल अध्यक्ष बद्री पटेल, एसटी मंडल अध्यक्ष तेजमल सोलंकी, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष सुखराम परमार, प्रकाश सोलंकी, अमर सिंह गणावा आदि ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मामाजी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता का संदेश दिया। बांसवाड़ा जिले से पहुंचे पारसिंह भूरिया ने बताया कि मैं बचपन में ही अपने मामा के पास आ गया था। तब से मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस गांव में आता रहा हूं। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता का संदेश देने वाले मामाजी ने अपना पूरा जीवन गरीब वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनकी प्रेरणा सदैव हमारे साथ है।
कुशलगढ़ क्षेत्र से युवा श्रद्धालु दिनेश अपनी पत्नी व छोटे बच्चों के साथ पहुंचे। किसने विश्वास किया कि हमारे परिवार के लोग यहाँ आते रहे हैं? हम भी बचपन से यहां आते रहे हैं. अब हमारे बच्चे भी हमारे साथ आ रहे हैं. मेरे चाचा के घर आने से जीवन में सभी चीजें बेहतर हो जाती हैं।